पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए 14 हज़ार कराेड़ के घोटाले का मास्टरमाइंड मेहुल चोकसी पकड़ा गया है। उसे डोमिनिका इलाक़े से मंगलवार रात उस वक़्त गिरफ़्तार किया गया, जब वह क्यूबा भागने की कोशिश कर रहा था। कुछ दिन पहले वह एंटीगुआ और बरबुड़ा से ग़ायब हो गया था और पुलिस जोर-शोर से उसकी तलाश में लगी हुई थी।
पीएनबी घोटाले के सामने आने के बाद चोकसी जनवरी, 2018 में भारत छोड़कर भाग गया था और उसके बाद से एंटीगुआ में ही रह रहा था।
चोकसी के परिवार ने उसके ग़ायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राऊने ने कहा था कि चोकसी की गिरफ़्तारी के लिए वह पड़ोसी देशों की भी मदद लेंगे। कहा जा रहा है कि वह क्यूबा इसलिए भाग रहा था कि क्योंकि एंटीगुआ की ही तरह क्यूबा के साथ भी भारत की प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
एनडीटीवी के मुताबिक़, मेहुल चोकसी नाव के जरिये डोमिनिका पहुंचा था। वहां से भागने के दौरान स्थानीय पुलिस ने उसे पकड़ लिया और अभी वह उसकी हिरासत में है। उसके ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस भी जारी हो चुका था। तय प्रक्रिया के बाद उसे एंटीगुआ सरकार के अफ़सरों को सौंप दिया जाएगा।
भारी पड़ सकता है भागना
चोकसी का भागना उसके लिए ही भारी पड़ सकता है क्योंकि एंटीगुआ की अदालत में उसके ख़िलाफ़ चल रहे मुक़दमों में यह बात भारत का ही पक्ष मजबूत करेगी और कहा जा सकता है कि देर-सबेर इस भगोड़े कारोबारी को भारत लाने में सफलता मिलेगी। एंटीगुआ की अदालत में चोकसी के ख़िलाफ़ प्रत्यर्पण और नागरिकता को रद्द किए जाने के मुक़दमे चल रहे हैं।
पिछले साल एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राऊने ने कहा था कि जब मेहुल चोकसी के पास सारे क़ानूनी विकल्प ख़त्म हो जाएंगे तो उसकी नागरिकता को रद्द कर दिया जाएगा।
नीरव मोदी भी है भगोड़ा
चोकसी ने कहा था कि उसके ख़िलाफ़ दर्ज किए गए मुक़दमे राजनीतिक साज़िश का हिस्सा हैं और भारत में उसकी संपत्तियों को ईडी ने अवैध ढंग से जब्त कर लिया है। चोकसी के साथ ही उसका भतीजा और पीएनबी घोटाले का अभियुक्त नीरव मोदी भी भाग गया था। नीरव मोदी को भारत वापस लाने के लिए लंदन की अदालत और इंग्लैंड की सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इसका मतलब है कि अब नीरव के प्रत्यर्पण की राह अब और आसान हो गई है।
सीबीआई और आईडी बीते कई साल से चोकसी के भारत प्रत्यर्पण की कोशिश में लगी हुई हैं लेकिन भारत के साथ एंटीगुआ की प्रत्यर्पण संधि न होने के कारण अब इन जांच एजेंसियों को इसमें फतेह हासिल नहीं हुई है।
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