अपनी तमाम निजी व्यस्तताओं के बावजूद 'नाकारा' और 'नाअहल' महमूद मदनी जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव पद पर पहले की तरह काम करते रहेंगे। ग़ौरतलब है कि 2 दिन पहले महमूद मदनी ने खुद को 'नाकारा' और 'नाअहल' (अयोग्य) बता कर निजी व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए जमीअत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना क़ारी मुहम्मद उस्मान मंसूरपुरी को महासचिव पद से अपना इस्तीफ़ा भेजा था। उनके इस्तीफ़े पर ग़ौर करने के लिए जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने आगामी 7 फरवरी को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। इस बैठक में ही तय होगा महमूद मदनी अपने इस्तीफ़े पर क़ायम रहते हैं या फिर जमीअत उनके इस्तीफ़े को नामंज़ूर करती है। तब तक महमूद मदनी अपने पद पर पहले की तरह काम करते रहेंगे। महमूद मदनी ने बाक़ायदा एक बयान जारी करके यह जानकारी दी है।