बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने बढ़ती महंगाई पर चिन्ता जताई है। बीएसपी नेता इधर सरकार की नरमी से आलोचना करने लगी हैं। उनके कई ट्वीट सरकार की आलोचना में आए। लेकिन उन्होंने बीएसपी कार्यकर्ताओं से किसी आंदोलन वगैरह के लिए नहीं कहा। मायावती ने गुरुवार को कहा कि लोग ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं। उन्होंने केंद्र से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने के लिए कहा। मायावती का बयान ऐसे समय आया है जब पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, सीएनजी, पीएनजी आदि की कीमतें बेतहाशा बढ़ चुकी हैं। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है। विपक्ष आंदोलन तक नहीं कर पा रहा है। मायावती ने भी आज महंगाई पर बयान तो दिया लेकिन उन्होंने अपने बीएसपी कॉडर को महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन आदि के लिए नहीं कहा।
उनका बयान 16 दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के मद्देनजर आया है।
एक ट्वीट में, उन्होंने कहा कि लोग पहले से ही उच्च मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और गरीबी के तनाव में थे। वे पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है। केंद्र सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
हाल ही के यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा है। उसका दलित वोट उससे दूर चला गया है और ज्यादातर दलित अब बीजेपी के साथ हो गए हैं। बीएसपी दलित वोटों के दम पर हर चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती रही है। मायावती अब सरकार की आलोचना करके अपना खोया जनाधार पाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन हालात बदल चुके हैं। हालत ये है कि सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट को भी लोग अब गंभीरता से नहीं लेते हैं।
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