loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला

जीत

मसूद अज़हर के भाई ने माना, भारतीय हमले में जैश का कैंप ध्वस्त हुआ

जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अज़हर के छोटे भाई मौलाना अम्मार ने माना है कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने बालाकोट के नज़दीक ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में जैश का कैंप ध्वस्त किया था। उसने यह दावा एक ऑडियो टेप में किया है। मौलाना अम्मार का यह बयान पाकिस्तान सरकार के उस बयान के उलट है जिसमें वह किसी कैंप को निशाना बनाये जाने से इनकार करती है। 

ताज़ा ख़बरें

मौलाना अम्मार का वह ऑडियो सोशल मीडिया पर भी मौजूद है। यह ऑडियो बालाकोट में आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद पेशावर में एक जलसे का है जिसमें अम्मार हमले का ज़िक्र कर रहा है। माना जाता है कि यह ऑडियो हमले के एक दिन बाद का ही है।

अम्मार ने भारतीय वायुसेना के हमले को दुश्मन की तरफ़ से एलान-ए-जंग करार दिया है। उसने यह भी कहा है कि भारतीय वायुसेना ने अधिकारियों के हेडक्वार्टर पर हमला नहीं किया, बल्कि यह हमला उस जगह पर किया गया जहाँ जिहाद की तालीम दी जाती थी।

अम्मार ने कहा, ‘आज दुश्मन ने तब सभी सवालों का जवाब दे दिया है जब वह पहाड़ों को पार कर हमारे देश में घुस आया और इसलामिक सेंटर पर हमला किया।’ ऑडियो में मौलाना अम्मार ने कहा,

भारतीय लड़ाकू विमान ने किसी अधिकारी के सुरक्षित ठिकाने को निशाना नहीं बनाया। किसी एजेंसी के हेडक्वार्टर पर भी बम नहीं गिराये। उन्होंने वहाँ बम गिराये जहाँ कश्मीर के मुसलमानों की सहायता करने के लिये छात्र जिहाद सिख रहे थे।


मौलाना अम्मार, मसूद अज़हर का छोटा भाई

कैंप ध्वस्त होने पर कौन जता रहे हैं संदेह?

पाकिस्तान सरकार और पश्चिमी देशों के कुछ मीडिया संस्थानों ने इस पर संदेह ज़ाहिर किया है कि बमबारी में जैश के कैंप ध्वस्त हुए हैं या नहीं। लेकिन इस ऑडियो रिकॉर्डिंग से साफ़ हो जाता है कि जैश के नेतृत्वकर्ता यह मानते हैं कि जैश के कैंप को निशाना बनाया गया है।

दूसरी रिपोर्टों में भी कहा गया है कि पहाड़ी पर जैश के कॉम्प्लेक्स ‘जबा टॉप’ को भी भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने निशाना बनाया था। फ़र्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट में स्थानीय लोगों के हवाले से कहा गया है कि एंबुलेंस से क़रीब 30 शवों को ले जाते देखा गया।

स्पाइस-2000 का निशाना अचूक

स्पाइस-2000 प्रिसीज़न बम में सैटेलाइट इमेजेज और बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के कैंप वाली जगह की सटीक लोकेशन सेट की गयी थी। यह काम पाकिस्तान में हमले से पहले 26 फ़रवरी को ही ग्वालियर में मिराज-2000 लड़ाकू विमानों पर लोड करने से पहले कर लिया गया था। इसलिये इस बम में एक बार जब हमले वाली जगह की लोकेशन को सेट कर दिया गया तो 1000 किलोग्राम वाला यह बम दो से लेकर दस किलोमीटर के दायरे में सटीक जगह पर ही मार करता है। इसमें निशाना चूकने की संभावना न के बराबर रहती है। 

  • टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने रक्षा सूत्रों के हवाले से बताया है, ‘स्पाइस 2000 बम ने अपने नेविगेशन/सीकर सिस्टम से 50-60 किलोमीटर दूर जैश के कैंप पर चार-छह टारगेट को निशाने पर लिया। बम के निशाना चूकने की संभावना 3 मीटर से भी कम होती है।

कुछ रिपोर्टों में पहले भी कहा गया था कि हाई रिज़ोल्यूशन सिन्थेटिक एपर्चर राडार ले लिये गये पहले और बाद की तसवीरों में सटीक निशाना लगने की बात की पुष्टि होती है।

देश से और ख़बरें

मरने वालों की संख्या बताना मुश्किल क्यों?

टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि हमले में ज़मीन पर मारे गये लोगों की सटीक संख्या बताना लगभग असंभव है। सूत्रों ने कहा कि 'डिजिटल सीन मैचिंग एरिया कोरिलेटर्स' से लैस स्पाइस-2000 बम पहले से लक्षित आतंकी ठिकानों की छत को तोड़ते हुए उसके अंदर पहुँचे। जिसने वहाँ मौजूद सभी आतंकियों को मार गिराया।

पाक सेना को दिया था चकमा

दिलचस्प यह रहा कि वायुसेना ने पाकिस्तानी वायुसेना को झाँसा देने के लिए कुछ विमानों की जेईएम के बहावलपुर स्थित मुख्यालय की ओर उड़ान भरी, जिससे लगे कि वहाँ पर हमला होने वाला है। इसका नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तानी विमान हमले के समय बालाकोट से क़रीब 150 किलोमीटर दूरी पर हवाई पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस तरह से भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के साथ ही पाकिस्तान के अंदर घुसकर 26 फ़रवरी के तड़के हवाई हमला किया और बिना किसी नुक़सान के वापस लौट भी आये।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें