loader
राष्ट्रपति मुर्मू पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को अंतिम प्रणाम करती हुई

अड़ियल सरकारः निगमबोध घाट पर मनमोहन का अंतिम संस्कार, सरासर अपमानः राहुल

पूर्व पीएम डॉ मनमोहन सिंह का शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार से पहले तिरंगे में लिपटे फूलों से सजे उनके ताबूत को एक ऊंचे मंच पर रखा गया था, जहां निगम बोध घाट पर पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर नेताओं ने पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रपति मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी के अलावा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी उन शीर्ष नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। श्मशान घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि दी। अंतिम यात्रा के लिए बने ताबूत को नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कांधा भी दिया।

मनमोहन को 21 बंदूकों की सलामी भी दी गई। चूंकि उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया तो 21 बंदूकों की सलामी राजकीय सम्मान का हिस्सा है। 21 बंदूकों की सलामी में, कोई गोला नहीं छोड़ा जाता है, और फायरिंग की आवाज़ पैदा करने के लिए एक विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए कारतूस - जिसे आमतौर पर ब्लैंक राउंड कहा जाता है, का इस्तेमाल किया जाता है।

ताजा ख़बरें

भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और मॉरीशस के विदेश मंत्री धनंजय रामफुल निगमबोध घाट पहुंचे। जहां पीएम मोदी, तमाम मंत्रियों और राष्ट्रपति को उन्हें सम्मान देते देखा गया।

अंतिम संस्कार के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता निगमबोध घाट के बाहर "मनमोहन सिंह को भारत रत्न दो" के नारे लगा रहे थे। यह मांग अब पूरे देश में जोर पकड़ चुकी है।

राहुल का हमला

नेता विपक्ष और कांग्रेस राहुल गांधी ने निगमबोध घाट पर मनमोहन का अंतिम संस्कार कराने की कड़ी आलोचना की है। राहुल ने एक्स पर लिखा है- भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी का अंतिम संस्कार आज (शनिवार) निगमबोध घाट पर करवाकर वर्तमान सरकार द्वारा उनका सरासर अपमान किया गया है। एक दशक के लिए वह भारत के प्रधानमंत्री रहे, उनके दौर में देश आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी देश के गरीब और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं। 
राहुल ने आगे लिखा- आज तक सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों की गरिमा का आदर करते हुए उनके अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों में किए गए ताकि हर व्यक्ति बिना किसी असुविधा के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजलि दे पाए। डॉ. मनमोहन सिंह हमारे सर्वोच्च सम्मान और समाधि स्थल के हकदार हैं। सरकार को देश के इस महान पुत्र और उनकी गौरवशाली कौम के प्रति आदर दिखाना चाहिए था।
एक तरफ जहां मनमोहन सिंह को भारत रत्न देने की मांग हो रही है, वहीं पार्टी लाइन से ऊपर उठकर कई नेताओं ने राजघाट पर अंतिम संस्कार न होने देने के लिए पीएम मोदी और भाजपा की निन्दा की। आप सांसद संजय सिंह ने कहा- ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें इस बारे में बात भी करनी पड़ रही है। इससे पता चलता है कि सरकार की सोच कितनी घिनौनी है... मैं पीएम नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं कि आप पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट परिसर में जगह देने को तैयार क्यों नहीं हैं? ये पार्टी अपने आप को सबसे संस्कारी कहती है? मुझे एक पूर्व प्रधानमंत्री का नाम बताएं जिनका अंतिम संस्कार निगमबोध में किया गया हो... सिख समुदाय कितना अपमानित महसूस कर रहा होगा...।''

पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा- अगर अटल बिहारी वाजपेयी का अंतिम संस्कार भी राजघाट में न करने दिया जाता तो कैसा लगता ? बीजेपी की सोच हमेशा घटिया रही है, वही दिखा रहा है। 

कई कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने उनके अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और उन्हें कहा गया कि अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर होगा। कांग्रेस के संचार प्रमुख जयराम रमेश ने कहा, "हमारे देश के लोग यह समझने में असमर्थ हैं कि भारत सरकार उनके दाह संस्कार और स्मारक के लिए ऐसा स्थान क्यों नहीं ढूंढ सकी जो उनके ग्लोबल कद, उत्कृष्ट उपलब्धियों के रिकॉर्ड और अनुकरणीय सेवा के अनुरूप हो।" उन्होंने कहा- "भारत के पहले सिख प्रधान मंत्री के जानबूझकर अपमान के अलावा यह कुछ नहीं है।" शिरोमणि अकाली दल, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी ने भी राजघाट पर अंतिम संस्कार की मांग की थी।

इससे पहले सुबह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय से शुरू हुई। सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी, वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और केसी वेणुगोपाल ने शनिवार को दो बार के पीएम को श्रद्धांजलि दी।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें