loader

मणिपुरः सेना ने कहा - भीड़ ने हथियार लूटने की कोशिश की, 1 दंगाई मारा गया

मणिपुर में हालात फिर से खराब होने लगे हैं। भारतीय सेना ने 5 जुलाई को एक बयान में कहा कि 4 जुलाई को भीड़ ने मणिपुर के थौबल जिले के खंगाबोक में इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) से हथियार लूटने के प्रयास को सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक विफल कर दिया। इस दौरान एक दंगाई मारा गया, जबकि कुछ अन्य घायल हो गए। भीड़ ने अतिरिक्त बलों की आवाजाही को रोकने के लिए नाकेबंदी कर दी थी। हालाँकि, असम राइफल्स और रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त टुकड़ियों को शामिल करके सुरक्षा बलों ने हालात को काबू किया।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में घटना की और जानकारी दी गई है। इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भीड़ ने आईआरबी बटालियन शिविर पर हमला करने की कोशिश की। जल्द ही, बलों के साथ भीड़ की झड़प शुरू हो गई। बलों ने स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की और पहले आंसू गैस के गोले और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। लेकिन जैसे ही सशस्त्र भीड़ ने गोलियां चलाईं, बलों ने जवाबी कार्रवाई की।
ताजा ख़बरें
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि भीड़ ने अतिरिक्त बलों को वहां पहुंचने से रोकने के लिए कई स्थानों पर शिविर की ओर जाने वाली सड़कों को भी अवरुद्ध कर दिया, लेकिन बल आगे बढ़ गए।

भीड़ ने कैंप की ओर जा रही असम राइफल्स की एक टीम पर भी हमला कर दिया। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने असम राइफल्स के जवानों पर गोलीबारी की, जिसमें एक जवान घायल हो गया और उनके वाहन को आग लगा दी। जवान के पैर में गोली लगी है।

झड़प में रोनाल्डो नाम के एक व्यक्ति को गोली मार दी गई। उसे पहले थौबल जिला अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बाद में उसकी हालत गंभीर होने के कारण इंफाल के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि राज्य की राजधानी ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। झड़पों में दस अन्य घायल भी हुए हैं।
मैतई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित होने के बाद राज्य में पहली बार हिंसा भड़क उठी थी। अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कई सौ लोग घायल हुए हैं, इसके अलावा हजारों लोगों ने राहत शिविरों में शरण ली है।

देश से और खबरें

मणिपुर की आबादी में मैतई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें