रसोई गैस सिलेंडर के दाम फिर 25 रुपये बढ़ गये हैं। 13 दिन पहले 18 अगस्त को भी 25 रुपये की बढ़ोतरी की गई थी। दिल्ली में इस साल ही अब तक सिलेंडर पर 190 रुपये से ज़्यादा की बढ़ोतरी हो गई है। पूरे देश में इसी अनुपात में क़ीमतें बढ़ी हैं। हालाँकि दूसरे टैक्स व ख़र्चों की वजह से अलग-अलग राज्यों में सिलेंडर के दाम में अंतर रहता है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसके दाम दोगुने से भी ज़्यादा हो गए हैं। मार्च 2014 में जिस रसोई गैस के दाम दिल्ली में 410 रुपये थे वे अब 884.50 रुपये हो गये हैं।
रसोई गैस की क़ीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। उन्होंने कहा कि 'जनता को भूखे पेट सोने पर मजबूर करने वाला ख़ुद मित्र-छाया में सो रहा है…'
जनता को भूखे पेट सोने पर मजबूर करने वाला ख़ुद मित्र-छाया में सो रहा है…
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 1, 2021
लेकिन अन्याय के ख़िलाफ़ देश एकजुट हो रहा है।#IndiaAgainstBJPLoot pic.twitter.com/ifFJVeUg7W
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि पिछले आठ महीने में 9 बार गैस के दाम बढ़े हैं। फ़रवरी महीने में तो तीन-तीन बार दाम बढ़ाए गए थे। गैस के इतनी महंगी होने के बाद भी इसके दाम लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं, रुकने या कम होने का तो जैसे सवाल ही नहीं हो!
वैसे, गैस की क़ीमतों में बढ़ोतरी कोई मामूली नहीं है। पिछले सात साल का लेखा लोखा बताता है कि 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस के सिलेंडर के दाम अपेक्षाकृत काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। इसी साल मार्च में तत्कालीन तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा था कि 'घरेलू गैस का खुदरा बिक्री मूल्य 1 मार्च 2014 को 410.5 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर था। मार्च 2021 में एक सिलेंडर की क़ीमत 819 रुपये हो गयी।'
बता दें कि मई 2020 में एलपीजी सब्सिडी को समाप्त करने के बाद से 'सब्सिडी' वाले घरेलू सिलेंडर की यह उच्चतम क़ीमत है। मौजूदा समय में सब्सिडी नाम मात्र या नहीं के बराबर दी जा रही है और इस तरह बढ़ी हुई क़ीमतों का बोझ सीधे आम उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है।
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