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टीडीपी और जेडीयू को सबसे बड़ा डर यह भी है कि अगर लोकसभा स्पीकर भाजपा से हुआ तो कभी भी उनकी पार्टी के सांसद को तोड़कर भाजपा अपने यहां मिला सकती है। अगर लोकसभा स्पीकर टीडीपी या जेडीयू से हुआ तो भाजपा इन पार्टियों को तोड़ नहीं पाएगी।
विपक्षी इंडिया गठबंधन जब इस पद को पाने के लिए अपनी तैयारी कर रहा है तो इंडिया की सदस्य आम आदमी पार्टी ने अपना सुझाव पेश कर डाला है। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मांग की है कि लोकसभा अध्यक्ष का चयन टीडीपी या किसी अन्य एनडीए गठबंधन सहयोगी से किया जाए। संजय सिंह ने कहा कि “एनडीए सरकार में टीडीपी का एक स्पीकर होना चाहिए। भाजपा का स्पीकर संसदीय परंपरा के लिए घातक होगा। मोदी 2.0 में 150 सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। ये लोग सत्ता में बने रहने के लिए छोटी पार्टियों को तोड़ देंगे।
दौड़ में कौन हैः अगर यह पद भाजपा के खाते में आया तो ओम बिड़ला ही सबसे बड़े दावेदार बनकर उभर रहे हैं। बिड़ला राजस्थान के कोटा से भाजपा उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव 2024 जीतकर आए हैं। स्पीकर पद के लिए जिन अन्य नामों की चर्चा चल रही है उनमें दग्गुबाती पुरंदेश्वरी का नाम भी शामिल है। टीडीपी संस्थापक एनटी रामा राव की बेटी, दग्गुबाती पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश की भाजपा नेता हैं और राज्य की पार्टी अध्यक्ष भी हैं। उन्हें टीडीपी और इंडिया गठबंधन का समर्थन भी मिल सकता है।
पुरंदेश्वरी ने 2009 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री और 2012 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया है। पुरंदेश्वरी ने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी से 2.3 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। शायद इसीलिए उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है क्योंकि वह लोकसभा अध्यक्ष बन सकती हैं।
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पुरंदेश्वरी के अध्यक्ष चुने जाने से टीडीपी प्रमुख नायडू नाराज भी नहीं होंगे। क्योंकि चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी और पुरंदेश्वरी सगी बहनें हैं।
पिछली 14वीं, 15वीं, 16वीं और 17वीं लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए सभी नामांकित सोमनाथ चटर्जी, मीरा कुमार, सुमित्रा महाजन और ओम बिड़ला सत्तारूढ़ गठबंधन या पार्टी से थे, और बिना किसी चुनाव के सदन द्वारा सर्वसम्मति से चुने गए थे। भाजपा इस बार वही कोशिश कर सकती है।
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