loader

लोकसभा का मानसून सत्र दो दिन पहले ख़त्म, स्पीकर ने की सदस्यों की शिकायत

लोकसभा का मानसून सत्र 2021 समय से दो दिन पहले ही ख़त्म कर दिया गया। संसद का मानसून सत्र 13 अगस्त तक चलना तय था, लेकिन संसद में होहल्ला और शोरगुल के बीच बुधवार को इसके ख़त्म होने का एलान कर दिया गया। 

इसके बाद शाम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपने ऑफिस में मुलाक़ात की और सदन के सदस्यों के व्यवहार की शिकायत की। 

गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में कांग्रेस के संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी भी इस बैठक में मौजूद थे। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल, बीजेडी और वाईएसआर कांग्रेस के नेता भी इस बैठक में शामिल हुए। 

स्पीकर ओम बिड़ला ने सदस्यों के व्यवहार की शिकायत इन नेताओं से की। उन्होंने कहा, "मैं इससे आहत हूं कि इस सत्र में सदन की कार्यवाही उम्मीदों के अनुरूप नहीं चली।" उन्होंने इसके आगे कहा, 

मैं हमेशा यह कोशिश करता हूं कि सदन के समय का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो और जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो। पर इस सत्र में कई बार अड़चनें डाली गईं। मामले का निपटारा नहीं किया जा सका।


ओम बिड़ला, अध्यक्ष, लोकसभा

अधीर रंजन चौधरी ने मोदी पर तंज करते हुए कहा, "मैंने प्रधानमंत्री मोदी को आज पहली बार देखा। जब सबकुछ ख़त्म हो गया तो वे प्रकट हुए। सरकार ने कई विधेयक बग़ैर बहस के ही पारित करवा लिए। ओबीसी से जुड़े विधेयक के अलावा तमाम विधेयक कुछ मिनटों में ही पास कर दिए गए।"

ख़ास ख़बरें

राज्यसभा में शोरगुल

राज्यसभा में भी बुधवार को कई बार कार्यवाही में अड़चनें डाली गईं। साधारण बीमा कारोबार (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021 पर विपक्ष के सदस्यों ने बहुत ही शोरगुल मचाया और इसका विरोध किया। 

कुछ सदस्यों ने सभापति के समझाने के बावजूद राज्यसभा में विधेयक का काग़ज़ फाड़कर हवा में फेंक दिया। राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को सदन में हुई घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए बुधवार को रुंधे गले से कहा कि वह रात भर सो नहीं सके क्योंकि लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर की पवित्रता भंग की गई।

बैठक शुरू होने पर सभापति ने कल की घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि वह इस वरिष्ठ सदन की गरिमा पर आघात के कारण का पता लगाने के लिए प्रयास करते रहे।समझा जाता है कि स्पीकर वेंकैया नायडू कोई कार्रवाई करेंगे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें