दिल्ली की शराब नीति के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार 7 अक्टूबर को दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में 35 स्थानों पर नए सिरे से छापेमारी की। हाल ही में नायर और महेंन्दू की गिरफ्तारी के बाद जो पूछताछ हुई, उसमें जो जानकारियां मिलीं हैं, उसके बाद ये छापे मारे गए। समझा जाता है कि कई बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। 7 अक्टूबर के छापे कथित अनियमितताओं को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग जांच को और गहरा कर रही है।
इस बारे छापे में शराब कंपनियों, वितरकों और सप्लाई नेटवर्क से जुड़े परिसरों पर छापेमारी की जा रही है। कार्रवाई शुक्रवार तड़के शुरू हुई जब एजेंसी की टीमों को छापेमारी स्थलों के लिए दिल्ली मुख्यालय से निकलते देखा गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र पर हमला किया और छापेमारी को "गंदी राजनीति" करार दिया।
केजरीवाल ने हिंदी में ट्वीट किया, "500 से अधिक छापे, 3 महीने से 300 से अधिक सीबीआई / ईडी अधिकारी 24 घंटे काम कर रहे हैं - एक मनीष सिसोदिया के खिलाफ सबूत खोजने के लिए। कुछ नहीं मिला। कुछ भी नहीं किया गया।
दिल्ली की शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, जो सत्तारूढ़ आप और बीजेपी के बीच रस्साकशी का नया फ्लैशपॉइंट बन गया है। सीबीआई ने इस सिलसिले में एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों को आरोपी के रूप में नामित किया गया है। सीबीआई इस बात की जांच कर रही है कि क्या नीति ने शराब कार्टेल को मदद की।
बीजेपी ने शराब नीति में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उसने कहा था कि दिल्ली सरकार ने रिटेल शराब विक्रेताओं को खरीदारों को आकर्षित करने के लिए बड़ी छूट की पेशकश करने की अनुमति दी। जो नियमों का उल्लंघन था। हालांकि, AAP का कहना है कि उसकी नीति का उद्देश्य भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना था। आप का कहना है कि बीजेपी ने अपने राजनीतिक लक्ष्यों के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
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