loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

गीता कोड़ा
बीजेपी - जगन्नाथपुर

हार

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

मुख्तार अंसारी को उम्रकैद, कौन है यह शख्स, क्या है इतिहास

वाराणसी की एक अदालत ने सोमवार को यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी को कांग्रेस नेता अवधेश राय की हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। गैंगस्टर से राजनेता बने मुख्तार अंसारी का संबंध कई राजनीतिक दलों से रहा है। हाल ही में प्रयागराज में नेता और गैंगस्टर अतीक अहमद और उनके भाई की सरेआम पुलिस सुरक्षा में हत्या कर दी गई थी। उस घटना के बाद से मुख्तार अंसारी पर चल रहे केस की काफी चर्चा थी।

कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की 3 अगस्त 1991 को उनके लहुराबीर आवास के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में अंसारी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

इससे पहले अप्रैल 2023 में अंसारी को भारतीय जनता पार्टी के विधायक कृष्णानंद राय के अपहरण और हत्या के मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 5 लाख रुपये के जुर्माने के साथ 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। 
ताजा ख़बरें

कौन हैं मुख्तार अंसारी?

गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं। वह भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी के रिश्तेदार हैं।

1970 के दशक के दौरान गाजीपुर के आसपास माफिया गतिविधियों में शामिल, अंसारी ने एक गैंगस्टर के रूप में अपना नाम बनाया और बाद में राजनीति में शामिल हो गए। 15 साल से जेल में बंद अंसारी पर अब जमीन हड़पने, जबरन वसूली और हत्या के करीब 60 मामले दर्ज हैं। 
अंसारी अपने कुछ प्रसिद्ध परिवार के सदस्यों के लिए भी जाने जाते हैं, जिनमें भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी भी शामिल हैं। मुख्तार अहमद अंसारी, उनके दादा, एक स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उनके नाना, मोहम्मद उस्मान, भारतीय सेना में ब्रिगेडियर के रूप में कार्यरत थे। 1948 में भारत-पाक युद्ध में वे शहीद हो गए और उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

अंसारी ने 1990 के दशक की शुरुआत में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एक छात्र संघ नेता के रूप में अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया और बाद में 1996 में एक विधायक के रूप में चुने गए।

अंसारी अंततः पूर्वांचल क्षेत्र के निर्विवाद नेता बन गए। अंसारी पर मऊ जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का भी कथित आरोप है। 
अंसारी और उनके भाई 2007 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो गए। दोनों ने पार्टी में प्रवेश तब किया जब उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ आरोप झूठे और प्रेरित थे।

अंसारी ने 2009 का लोकसभा चुनाव वाराणसी से बसपा के लिए लड़ा था, तब वो जेल में थे। दोनों को 2010 में पार्टी से निकाल दिया गया था।
भाजपा विधायक की हत्या कैसे हुईः भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की 29 नवंबर, 2005 को हत्या कर दी गई थी, जब वह अपने गृहनगर में एक शादी में शामिल हुए थे। पुलिस ने राय को चेतावनी दी थी कि अंसारी के भाड़े के हत्यारे उनकी जान ले सकते हैं। राय को एक क्रिकेट मैच शुरू करने के दौरान बुलेट-प्रूफ वाहन का उपयोग नहीं करने के लिए राजी किया गया। घर लौटते समय राय को ऑटोमेटिक राइफलों से गोली मार दी गई थी। कुल सात लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, उस दौरान अंसारी जेल में थे।

मुख्तार के खिलाफ अन्य मामले

मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत 1996 में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता नंदकिशोर रूंगटा के अपहरण में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में राय की हत्या में उनकी संलिप्तता का भी उल्लेख किया गया था।

अवधेश राय की हत्या पांचवां मामला है जिसमें अंसारी को दोषी ठहराया गया है। उन्हें पिछले साल तीन अन्य अपराधों में दोषी ठहराया गया था। उनमें से एक ड्यूटी पर तैनात जेलर को डराने के लिए था। अंसारी ने उक्त जेलर को गाली दी थी और जान से मारने की धमकी दी थी।

देश से और खबरें
अंसारी को 23 साल पुराने एक मामले में पांच साल की सजा भी हुई थी। उन्हें उत्तर प्रदेश गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत सजा सुनाई गई थी। 

अंसारी के खिलाफ जमीन जबरन वसूली, हत्या और अन्य आपराधिक गतिविधियों के 60 से अधिक मामले दर्ज हैं। वह 2005 से फिलहाल बांदा जिला जेल में बंद हैं।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें