“मैं माफी नहीं
माँगूँगा! मैं इस भीड़ से नहीं डरता हूँ। मैं इस मामले के ठंडा पड़ने तक शर्म से गायब
नहीं हो जाऊंगा।“
यह बयान कॉमेडियन कुणाल
कामरा का है, जिसे उन्होंने सोमवार देर रात अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।
इसके अतिरिक्त भी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में काफी चीज़ें लिखी हैं।
उन्होंने अपने बयान को ठीक वही बताया जो महाराष्ट्र के दूसरे उप मुख्यमंत्री अजीत
पवार ने शिंदे के लिए कहा था।
महाराष्ट्र के
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर अपनी तीखी टिप्पणियों के बाद लगातार कुणाल कामरा पर यह
दबाव बनाया जा रहा था कि वे माफी मांगे। शिवसेना शिंदे गुट कुणाल कामरा को धमकियाँ
दे रही थी। महाराष्ट्र की सरकार ने तो उस स्टूडियो को ही गिरवा दिया जहां कामरा का
शो हुआ था। उस स्टूडियो को भी कथित रूप से शिवसेना शिंदे ग्रुप के कुछ लोग लूट ले
गये थे। अब मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा को पूछताछ के लिए आने का नोटिस जारी किया है।
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देर रात कामरा का बयान
आने के बाद एकनाथ शिंदे ने भी एक बयान दिया। एक व्यंग्य पर तोड़ फोड़ मचाने वाली
पार्टी के मुखिया होने के नाते उनसे सवाल किया गया कि क्या वे व्यंग्य नहीं समझते
हैं। इस सवाल पर अपनी पार्टी की उपद्रवी हरकतों का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि “क्रिया की प्रतिक्रिया होती है।“
एकनाथ शिंदे ने यह भी कह दिया कि “हर चीज़ की एक सीमा होती है। कामरा सुपारी लेकर कॉमेडी करते हैं।“ शिंदे के मुताबिक कामरा ने जो भी किया या कहा, उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में नहीं गिना जाना चाहिए क्योंकि कामरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी बयान दे चुके हैं।
दरअसल इस मामले की शुरुआत कुणाल कामरा के एक कॉमेडी शो से हुई थी। कुणाल कामरा ने अपने एक शो में
‘दिल तो पागल है’ फिल्म
के गाने की पैरोडी बनाकर एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया। उन्होंने शिंदे का नाम लिए
बिना उन्हे ‘गद्दार’ कहकर
तंज कसा।
यह बात शिवसेना शिंदे ग्रुप के कार्यकर्ताओं को नागवार गुजरी। इसके साथ ही शिंदे ग्रुप के समर्थकों का उपद्रव शुरू हो गया। उन्होंने सबसे पहले मुंबई के खार इलाके में स्थित हैबिटेट स्टूडियो में तोड़फोड़ की। उसके बाद कुणाल के खिलाफ एफ आई आर भी किया गया। शिंदे ग्रुप के नेताओं मसलन मुरजी पटेल और नरेश महस्के ने कुणाल कामरा को माफी मांगने के लिए 48 घंटों का अल्टिमेटम दिया। ऐसा न करने पर उन्हें देश छोड़कर भागने के लिए मजबूर करने की धमकी भी दी।
सोमवार को इन तमाम
घटनाक्रमों के बाद देर रात कुणाल ने इस पूरे मामले पर सोशल मीडिया पर एक
लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखकर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, “मुझे
सबक सिखाने की धमकी देने वाले नेता ध्यान दें। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक
सिर्फ शक्तिशाली और अमीरों की चापलूसी के लिए नहीं है। आपकी असमर्थता मेरे अधिकार
को नहीं बदल सकती।“
अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए
कुणाल ने लिखा कि, “हमारी राजनीति और नेताओं के सर्कस का मजाक
उड़ाना कोई जुर्म नहीं है।“
कुणाल ने अपने सोशल मीडिया
पोस्ट में यह भी बताया कि उन्हें धमकी भरे कॉल्स आ रहे हैं, लेकिन
वे इससे डरने वाले नहीं।
इस बाबत उन्होंने कहा कि “सभी अनजान कॉल मेरे वॉयसमेल पर जाते हैं, जहां आपको वही गाना सुनाई देगा, जिससे आप नफरत करते हैं।“
अपने पोस्ट में उन्होंने महाराष्ट्र
की राजनीति पर निशाना साधते हुए दूसरे उप मुख्यमंत्री अजित पवार को भी लपेटे में
लिया। उन्होंने कहा कि “मैं माफी नहीं मांगूंगा। जो मैंने कहा, वो
पहले डिप्टी सीएम अजित पवार भी शिंदे के लिए कह चुके हैं।’"
कुणाल ने इस विवाद में हिंसा
का रास्ता अपनाने वाली भीड़ को भी निशाने पर लिया। उन्होंने लिखा,,
“मैं इस भीड़ से डरता नहीं
और शर्म से गायब होकर इस मामले के ठंडे पड़ने का इंतज़ार नहीं करूंगा। जिस भीड़ ने हैबिटेट स्टूडियो को तोड़ा, वो
समझे कि ये सिर्फ एक मंच है। मेरी कॉमेडी की जिम्मेदारी वहां की नहीं है।’ कुणाल
ने तंज कसते हुए कहा, ‘किसी
कॉमेडियन के शब्दों के लिए स्टूडियो पर हमला करना वैसा ही है, जैसे
टमाटर ले जा रहे ट्रक को पलट देना, क्योंकि
आपको बटर चिकन पसंद नहीं आया।“
साथ ही, उन्होंने
ये भी साफ किया कि “वो किसी भी कानूनी कार्रवाई का सामना करने को तैयार हैं और
पुलिस व कोर्ट के साथ सहयोग करेंगे।"
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इस पूरे मामले में अब डिप्टी
सीएम अजित पवार भी कूद पड़े हैं। उनका कहना है, ‘किसी
को भी कानून, संविधान
और नियमों से ऊपर नहीं जाना चाहिए। अपने अधिकारों के दायरे में रहकर बोलना चाहिए।
मतभेद हो सकते हैं, लेकिन
पुलिस की जरूरत न पड़े, इसका
ध्यान रखना चाहिए।’ कल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी कामरा को माफी मांगने की सलाह
दी थी।
बहरहाल माफी मांगने की नसीहतों के बीच और शिंदे की ‘प्रतिक्रिया’
वाली टिप्पणी के मद्देनजर कुणाल कामरा तैयार और मुस्तैद नज़र आ रहे हैं।
रिपोर्टः अणुशक्ति सिंह
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