अब तक गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने की बात कहते रहे आंदोलनकारी किसान थोड़ा नरम पड़े हैं। किसानों ने कहा है कि वे दिल्ली की बाहरी रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे और गणतंत्र दिवस समारोह में किसी भी तरह की रुकावट पैदा नहीं करेंगे।
केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस इसे लेकर बेहद परेशान थी क्योंकि किसान नेता लगातार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने की बात कह रहे थे।
किसान नेताओं ने शनिवार शाम को एक बार फिर कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। किसान आंदोलन में शामिल स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा, ‘किसान गणतंत्र दिवस को पूरे जोश के साथ मनाएंगे। हमारी ट्रैक्टर परेड दिल्ली की बाहरी रिंग रोड पर होगी और यह जनकपुरी, मुनिरका, नेहरू प्लेस आदि इलाक़ों से जाएगी।’
यादव ने कहा कि दिल्ली और हरियाणा पुलिस को इससे किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। किसान नेताओं ने कहा कि इससे राजपथ पर होने वाली परेड को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी।
किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से जारी की गई प्रेस रिलीज में कहा गया है कि परेड में शामिल ट्रैक्टर्स पर भारत का तिरंगा और किसानों की यूनियनों के झंडे लगे होंगे। किसी भी राजनीतिक दल के झंडे लगाने की अनुमति नहीं होगी। परेड में इस आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिवार के सदस्य, सेना में रह चुके अफ़सर और नामी खिलाड़ी भी शामिल होंगे।
मोर्चा के नेताओं ने कहा है कि जो लोग दिल्ली में होने वाली इस परेड में नहीं आ सकते, वे राज्यों की राजधानियों और जिलों में इस तरह की परेड का आयोजन करें। किसान नेताओं ने कहा कि वे 19 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में शिरकत करेंगे।
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किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, ‘पुलिस और प्रशासन हमारी इस परेड के बीच में न आएं। हम अदालत से भी अपील करते हैं कि वह इसमें दख़ल न दे। हम मीडिया के जरिये संदेश देना चाहते हैं कि प्रशासन को हमें सहयोग करना चाहिए, अगर वे नहीं करते हैं तो परेशानी होगी क्योंकि हम दिल्ली ज़रूर जाएंगे।’
किसान नेताओं ने एक बार फिर कॉरपोरेट घरानों और उनके उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की। इसके अलावा बीजेपी और उसके सहयोगी दलों का भी बहिष्कार करने की अपील की।
एजेंसियों के समन पर चेताया
किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को चेताया है कि वह एजेंसियों के जरिये उन्हें डराने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे ट्रांसपोर्टर्स व कुछ अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एनआईए के जरिये समन भेजा जा रहा है। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा, किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले अभिनेता दीप सिद्धू सहित 40 लोगों को एनआईए ने समन भेजा है। प्रतिबंधित संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस यानी एसएफजे से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए यह समन भेजा गया है। इससे पहले आंदोलन में शामिल आढ़तियों, पंजाबी गायकों और किसान नेताओं पर आयकर विभाग (आईटी) की छापेमारी और उन्हें नोटिस दिए जाने की घटनाएं हो चुकी हैं।हरियाणा के किसान संगठनों ने कहा है कि राज्य के 7 हज़ार गांवों से 1 लाख ट्रैक्टरों की भागीदारी होगी। बीते कुछ दिनों से सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान ट्रैक्टर परेड को लेकर जोरदार तैयारियां चल रही हैं और लोगों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है। सिंघु बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान नेता सुरेश कोठ ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि हर गांव से 20 ट्रैक्टर और हर ट्राली में 200 लोग दिल्ली के लिए कूच करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े गांवों से 150-200 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की भागीदारी होगी।
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किसानों ने 7 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालकर केंद्र सरकार को अपनी ताक़त और एकजुटता का अहसास कराया था। तब किसानों ने कहा था कि यह रैली 26 जनवरी को होने वाली किसान ट्रैक्टर परेड की रिहर्सल के तौर पर निकाली गई है।
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