सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में बुधवार शाम को उस वक़्त बड़ी घटना हो गई जब सिख धर्म गुरू संत बाबा राम सिंह ने ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। संत बाबा राम सिंह हरियाणा के करनाल के रहने वाले थे। उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें लिखा है कि वह किसानों की बेहद ख़राब हालत के कारण यह आत्मघाती क़दम उठा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग संत बाबा राम सिंह के कीर्तन को सुनते थे। रात को संत बाबा राम सिंह का पोस्टमार्टम किया गया और गुरूवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सिंघु बॉर्डर : बाबा राम सिंह का हुआ पोस्टमार्टम, आज होगा अंतिम संस्कार
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- 17 Dec, 2020
सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन में बुधवार शाम को उस वक़्त बड़ी घटना हो गई जब सिख धर्म गुरू संत बाबा राम सिंह ने ख़ुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
उन्होंने आगे लिखा है, ‘मैं अपने हक़ के लिए लड़ रहे किसानों का दर्द समझता हूं और सरकार उन्हें इंसाफ़ दिलाने के लिए कुछ नहीं कर रही है। जुल्म करना पाप है तो जुल्म सहना भी पाप है। मैंने ख़ुद की क़ुर्बानी देने का फ़ैसला किया है।’
सोनीपत के डीसीपी श्याम लाल पूनिया ने कहा है कि घटना के बाद संत बाबा राम सिंह को पानीपत के पार्क अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। 65 साल के संत बाबा राम सिंह इन दिनों किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए सिंघु और टिकरी बॉर्डर जाते थे।
दिल्ली सिख गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि संत बाबा राम सिंह की आत्मा को शांति मिले। उन्होंने सभी से संयम बनाए रखने की विनती की है।