मोदी सरकार को शायद यह समझ नहीं आ रहा है कि उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को देशद्रोही बता देने का ट्रोल आर्मी का यह हथियार इस बार किस कदर उल्टा पड़ चुका है। एक-आध बार किसी से ग़लती हो जाए तो उसे माफ कर दिया जाता है। लेकिन जब से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हैं, ट्रोल आर्मी द्वारा उन्हें लगातार खालिस्तानी, देशद्रोही कहा जा रहा है।
ट्रोल आर्मी की करतूत, ट्रेंड कराया खालिस्तानी-वामपंथी भाई-भाई
- देश
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- 14 Dec, 2020
मोदी सरकार को शायद यह समझ नहीं आ रहा है कि उसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को देशद्रोही बता देने का ट्रोल आर्मी का यह हथियार इस बार किस कदर उल्टा पड़ चुका है।

किसानों को खालिस्तानी और उनके समर्थन में आवाज़ उठाने वालों को वामपंथी और टुकड़े-टुकड़े गैंग का बताने में ख़ुद सरकार के मंत्री जुटे हुए हैं। सरकार शायद आंख-कान बंद कर इसी गफलत में बैठी हुई है कि कुछ वक़्त बाद किसान थक-हारकर घर चले जाएंगे या फिर कुछ हो जाए वो तो इन क़ानूनों को वापस नहीं ही लेगी क्योंकि उसकी नाक का सवाल है।