कैबिनेट फेरबदल के दौरान केंद्रीय कानून मंत्री के पद से हटाए जाने के एक दिन बाद किरण रिजिजू ने शुक्रवार को इस प्रक्रिया को नियमित प्रक्रिया बताया है। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री के विजन का हिस्सा है न कि उनके लिए सजा।
रिजिजू ने कहा, 'यह स्थानांतरण एक नियमित प्रक्रिया है। यह प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण है। किसी को जिम्मेदारी लेनी होगी। कोई ग़लती नहीं हुई है। मेरे खिलाफ बोलना विपक्ष का कर्तव्य है, उन्हें बोलने दें।' उनकी यह प्रतिक्रिया तब आई है जब वह पृथ्वी विज्ञान मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से रूबरू थे। उन्होंने कहा कि आज राजनीति करने का दिन नहीं है।
रिजिजू ने शुक्रवार को सुबह 11 बजे राष्ट्रीय राजधानी के लोधी रोड स्थित पृथ्वी भवन में पृथ्वी विज्ञान मंत्री का पदभार ग्रहण किया।
बता दें कि हाल के दिनों में सुप्रीम कोर्ट के कई फ़ैसले केंद्र के अनुकूल नहीं रहे हैं। इसमें से एक फ़ैसला तो कर्नाटक से जुड़ा है जिसको चुनाव पर असर डालने वाला माना जाता है। कहा जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव से बीजेपी बौखलाई हुई है। इस चुनाव में कर्नाटक बीजेपी ने दाँव खेला था कि मुसलिमों को मिलने वाले 4 फ़ीसदी आरक्षण को ख़त्म कर इसे लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों में बाँट दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। यह कोई अकेला मामला नहीं है। हाल में ऐसे ही कई फ़ैसले बीजेपी के ख़िलाफ़ गए हैं।
क़रीब तीन महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति सरकार नहीं करेगी। अदालत ने आदेश दिया कि इनकी नियुक्ति अब सीबीआई निदेशक की तरह होगी जिसमें प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सीजेआई का पैनल इनकी नियुक्ति करेगा।
कानून मंत्री के रूप में रिजिजू ने बार-बार न्यायपालिका के खिलाफ बयान दिए और नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना की। उनके बयानों ने न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच अक्सर खींचतान पैदा कर दी थी।
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