प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के फर्जी अफसर को जम्मू कश्मीर में पकड़े जाने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस्तीफा दे दिया है। हालांकि पीएमओ के नाम को खराब करने वाला कथित फर्जी अफसर कई दिन पहले पकड़ा गया था। किरण पटेल नामक शख्स बीजेपी का नेता है और जम्मू कश्मीर में एक जांच के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। किरण पटेल के संबंध सीएमओ के एक अधिकारी के बेटे से थे। इसलिए पिता ने इस्तीफा दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक गुजरात सीएमओ में अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी हितेश पांड्या ने लगभग 22 साल तक कार्यालय में रहने के बाद शुक्रवार शाम अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस्तीफे का संबंध जम्मू कश्मीर में पकड़े गए किरण पटेल से है। हितेश ने केशुभाई पटेल, नरेंद्र मोदी, आनंदीबेन पटेल, विजय रूपानी और भूपेंद्र पटेल सहित पांच मुख्यमंत्रियों के अधीन काम किया था। हितेश पांड्या ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल) को सौंप दिया है। किसी ने मुझे इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा। मुझे लगा कि मुझे इस्तीफा दे देना चाहिए। मैं अपना लंबित कार्य 31 मार्च तक समाप्त कर दूंगा और कार्यालय से मुक्त हो जाऊंगा।
पंड्या ने स्वीकार किया कि उनके 43 वर्षीय बेटे अमित ने इस महीने किरण पटेल के साथ "व्यावसायिक उद्देश्य के लिए" उनकी सहमति से जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था। अमित और जय सीतापारा नामक एक अन्य व्यक्ति किरण पटेल के साथ थे जब उन्हें इस महीने की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में गिरफ्तार किया गया था। मामले में पूछताछ के लिए अमित और सीतापारा को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बुलाया है।
पंड्या के अनुसार, किरण पटेल के खिलाफ मामले में अमित "निर्दोष" और "गवाह" है। अपने बेटे के मौजूदा ठिकाने के बारे में पूछे जाने पर पांड्या ने कहा- वह वास्तव में कश्मीर में है। बेटे को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज करने के लिए बुलाया था।
पांड्या के मुताबिक, उनका बेटा अपनी फर्म सेफ सॉल्यूशन के जरिए सीसीटीवी कैमरे जैसे घरेलू सुरक्षा उपकरणों का कारोबार करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमित बीजेपी से जुड़े रहे हैं और गुजरात नॉर्थ जोन में पार्टी के सोशल मीडिया सेल के संयोजक थे।
हितेश पांड्या, जिनके बेटे के संबंध फर्जी अफसर किरण पटेल के साथ हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पंड्या ने कहा, पार्टी में फेरबदल के तहत उन्हें इस साल जनवरी में पार्टी के सोशल मीडिया सेल के उत्तरी क्षेत्र के संयोजक के रूप में उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था।इंडियन एक्सप्रेस के संपर्क करने पर, सेल के राज्य संयोजक मनन दानी ने पुष्टि की कि अमित जनवरी 2023 तक उत्तर क्षेत्र के संयोजक थे।
पंड्या ने किरण पटेल के सीएमओ से किसी भी तरह के संबंध होने की जानकारी से इनकार किया। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि 2011 में, पटेल उनके द्वारा बनाई गई एक निजी संस्था नेशन फर्स्ट फाउंडेशन (NFF) से जुड़े थे। हितेश ने कहा - मैंने इसे मोदी साहब के विचारों के प्रचार के लिए 2011 में शुरू किया था। मैं संस्था का संस्थापक हूं...हमारा काम सिर्फ देश सेवा से जुड़ा था। तब हमने भाजपा सरकार के कार्यों और परियोजनाओं के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए भारत जागो अभियान चलाया था... वह (किरण पटेल) इसलिए संपर्क में आया क्योंकि वह अमित के साथ था और वो एनएफएफ में शामिल हो गए।
किरण पटेल के साथ अमित के जुड़ाव के बारे में विशेष रूप से पूछे जाने पर, पंड्या ने कहा, वे 2004 में एक प्रचार कंपनी में काम कर रहे थे। मैं उसे (किरण पटेल) अमित के दोस्त के रूप में जानता हूं … लेकिन 2011 में ही मुझे एहसास हुआ कि वह (किरण) विश्वास योग्य व्यक्ति नहीं था। इसलिए, मैंने उन्हें और उनके साथ के सभी लोगों को (एनएफएफ से) रिलीव कर दिया… मुझे उनका व्यवहार उचित नहीं लगा… फिर किरण पटेल ने अपना संगठन शुरू किया।
पांड्या के मुताबिक फिर उनके बेटे अमित और किरण पटेल के बीच संबंध संबंध खत्म हो गए। पिछले साल सितंबर में अमित बीमार पड़ा तो किरण उनके बेटे को देखने के लिए अस्पताल में आया। दोनों के फिर से घनिष्ठ संबंध बन गए।
यह पूछने पर कि उन्होंने अपने बेटे को किरण पटेल के बारे में आगाह क्यों नहीं किया, पांड्या ने कहा, दोस्त के तौर पर हम किसी के भी साथ हो सकते हैं। दूसरे, किरण पटेल एक व्यवसायी हैं। यदि आपको लगता है कि कोई व्यक्ति आपके कारोबार में मदद कर सकता है, तो आप रिश्ता क्यों तोड़ेंगे?
पंड्या के मुताबिक, उनका बेटा अमित किरण पटेल के साथ "मुझसे पूछने पर" जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुए। उन्होंने कहा, वो लोग कारोबार के मकसद से गए थे... वह सीसीटीवी से जुड़ा एक प्रस्ताव लेकर गए थे। किरण की गिरफ्तारी के बाद, अमित और जय को एक होटल में रखा गया और उनके बयान दर्ज किए गए। फिर, उन्हें जाने दिया गया और कहा गया कि जब भी बुलाया जाएगा तो उन्हें आना होगा … उनका बयान एक गवाह के रूप में दर्ज किया गया था।
पंड्या के मुताबिक, मामले के बारे में पता चलते ही मैंने तुरंत मुख्यमंत्री (भूपेंद्र पटेल) और अन्य लोगों को सूचित किया। लेकिन यह रहस्य ही है कि 15 दिन पहले की घटना का जब उन्हें फौरन ही पता चल गया तो उन्होंने इस्तीफा देने में इतनी देर क्यों लगाई। गुजरात के सीएम को जब इतने संगीन मामले का पता चला तो उन्होंने इस अधिकारी को फौरन क्यों नहीं हटाया। यह तमाम सवाल हैं जो पीएमओ के फर्जी अफसर को पकड़े जाने के बाद खड़े हो गए हैं।
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