पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक विपक्ष की एकता का एक नया फ़ार्मुला लेकर आए हैं। भुवनेश्वर में मुलाक़ात के बाद दोनों नेताओं ने कहा कि उन्होंने देश के संघीय ढाँचे को स्थाई और मजबूत बनाने का संकल्प लिया है। इसका एक मतलब निकलता है कि वो अपने अपने राज्य में स्वतंत्र रूप से काम करेंगे और जब एक दूसरे पा ख़तरा आएगा तो एक हो जायेंगे। यानी अनेकता में एकता। नवीन पटनायक से मिलने के लिए ममता ख़ास तौर पर भुवनेश्वर गयीं थीं। इसके पहले समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक कोलकाता में बुलायी थी और ममता बनर्जी से मिले थे। विपक्ष की एकता की बातचीत वहाँ भी हुई थी।

देश के ताजा राजनीतिक परिदृश्य में विपक्षी एकता अब सबसे महत्वपूर्ण हो गई है। विपक्ष के बिना एक हुए, बीजेपी को हराया नहीं जा सकता लेकिन राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार शैलेश का कहना है कि विपक्षी एकता इतना आसान नहीं है। ऐसे में कांग्रेस के पास क्या विकल्प हैं। पढ़िए उनका नजरियाः
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक