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खरगोन में मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन

खरगोन में एकतरफा पुलिस कार्रवाई पर मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन 

मध्य प्रदेश के खरगोन में कर्फ्यू हट गया है। आम जन-जीवन गति पकड़ रहा है। करीब महीने भर बाद घरों को लौट रहे मुस्लिम समुदाय के लोग अब भी खौफज़दा हैं। मुस्लिम महिलाओं ने मंगलवार को जुलूस निकालकर खरगोन पुलिस के सामने शिकायतों का पिटारा खोल दिया।जुलूस में शामिल महिलाओं की यह शिकायतें आम रहीं कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई की और आज भी कर रही है! कार्रवाई के नाम पर मुस्लिमों को परेशान किया जा रहा है। प्रमाण नहीं होने के बावजूद पुरूषों को जेल में ठूंसा जा रहा है। कई महिलाओं ने 12-14 साल के बच्चों को भी दंगाई बताकर मामले-मुकदमे कायम कर लेने और उन्हें बाल सुधार गृह भेज देने के आरोप लगाये हैं।
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एसपी कार्यालय पहुंचे जुलूस में मुस्लिम समाज की अनेक भद्र महिलाएं भी शामिल हुईं। जुलूस में शामिल डॉक्टर सफिया ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘25 दिनों के बाद भी एकतरफा कार्रवाई आखिर क्यों की जा रही है? कार्रवाई 10 तारीख को भड़के दंगों के बाद होना थी।’ उन्होंने कहा, ‘नमाज़ और इफ्तार के वक्त डीजे बजाकर भड़काने और बाद में मुस्लिमों को टारगेट करने वालों के फुटेज हमारे पास भी हैं। पुलिस को दिए हैं। कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस अब 12 और 14 साल के बच्चों को उठाकर उनके मन में नफरत के बीज डाल रही है।’एकतरफा कार्रवाई पर ऐतराज जताने पहुंची बुशरा शेख ने भी पुलिस और प्रशासन को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘मुस्लिमों पर पत्थर बरसाने का आरोप लगाया गया है, क्या हिन्दुओं ने हम पर फूल बरसाये थे?’ बुशरा बोलीं, ‘25 दिनों के बाद घर लौटे हैं। पुलिस ने जीना दुश्वार किया हुआ है। देर रात घरों की तलाशी लेने आते हैं। दरवाजे तोड़ते हैं। महिलाओं की लात-घूसों, डंडों से बर्बर पिटाई की जा रही है। घर के पुरुष कहां हैं? बताने के लिए जुल्म की हदें की जा रही हैं। पत्थर फेंकते अथवा दंगा करते जिनके वीडियो फुटेज और प्रमाण नहीं हैं, उन्हें भी जेल में डाला गया है। नासमझ बच्चों को भी पुलिस नहीं बख्श रही है।’

दिन की बजाय, पुलिस वाले रात के अंधेरे में कार्रवाई आखिर क्यों कर रहे हैं? हम समझ नहीं पा रहे हैं! हमें आतंकवादी और दंगाई बताया जा रहा है। हम भारत के वासी हैं। भारतीय थे, हैं और आगे भी रहेंगे।


बुशरा शेख, खरगोन की मुस्लिम महिला प्रदर्शनकारी

जुलूस में शामिल रहीं करीब-करीब हर मुस्लिम महिला का दर्द और शिकायत यही थी कि पुलिस एकतरफा कार्रवाई कर रही है। निर्दोषों को परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है।

पुलिस को नामजद शिकायतें दी गईं

मुस्लिम समाज की महिलाओं ने 10 अप्रैल और इसके बाद हुए उपद्रव में शामिल रहे लोगों की नामजद शिकायतें की हैं। राजू शर्मा, दीपक कानूनगो, मनोज वर्मा, श्याम महाजन, रवि वर्मा रणजीत डंडीर, अनिल गुप्ता और रवि जायसवाल आदि के नाम तथा इनके द्वारा कथित तौर पर की गई हिंसा का पूरा ब्यौरा शिकायतकर्ता महिलाओं ने दिया है। उन्होंने मांग की है कि इन तत्वों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करे। खरगोन पुलिस ने शिकायतें ली हैं। प्रदर्शनकारियों को जांच का आश्वासन दिया है। यह भी कहा है, ‘निर्दोष के साथ न्याय होगा, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा।’
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उधर, राज्य के गृह एवं कानून मंत्री और शिवराज सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा से खरगोन में मुस्लिम महिलाओं के प्रदर्शन से जुड़ा सवाल आज जब पूछा गया तो उन्होंने संक्षिप्त जवाब में कहा, ‘शायद भ्रम की स्थिति हुई होगी। स्थिति अब सामान्य है। कोई दिक्कत नहीं है।’
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क़मर वहीद नक़वी
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