महम चौबीसी में रविवार को आयोजित खाप पंचायत का नजारा
महिला पहलवानों के समर्थन में आज रविवार को रोहतक के महम चौबीसी में खाप पंचायतों ने केंद्र सरकार के खिलाफ गुस्से का इजहार करते हुए आरपार की लड़ाई का ऐलान किया। खाप पंचायत में आज रविवार शाम को फैसला लिया गया कि चूंकि सरकार ने आरोपी भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग स्वीकार नहीं की है, इसलिए 28 मई को अब नए संसद भवन पर सर्वखाप महिला पंचायत होगी। यहां यह बताना जरूरी है कि 28 मई को ही पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। ऐसे में सुरक्षा के मद्देनजर इस तरह का कोई आयोजन नहीं हो सकता है। महिलाओं को नहीं आने देने पर टकराव हर हालत में होगा। खाप पंचायत में कहा कि अगर 28 मई को महिला पंचायत रोकी गई तो हरियाणा के तमाम इलाकों से लोग दिल्ली के लिए कूच करेंगे। इससे पहले खाप पंचायतों ने 23 मई को कैंडल मार्च निकालने का आह्वान किया है।
खाप और किसान नेताओं ने कहा था कि अगर 21 मई तक केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष और भाजपा सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई नहीं की तो 21 मई को खाप पंचायत अपना फैसला सुनाएगी। खाप पंचायतों ने कहा कि वो अब केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी बेटियों के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। ये लड़ाई हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी यूपी में लड़ी जाएगी। महम के चबूतरे पर आज रविवार को पहलवान साक्षी मलिक को भी देखा गया।
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से खाप प्रतिनिधि रविवार को महत्वपूर्ण पंचायत के लिए महम के ऐतिहासिक चौबीसी चबूतरे पर एकत्र हुए। चौबीसी सर्व खाप पंचायत के प्रमुख मेहर सिंह नंबरदार द्वारा बुलाई गई पंचायत में लगभग 1500 नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान गठित समिति, जिसमें खाप के कम से कम 31 चयनित प्रतिनिधि शामिल थे, निर्णय लेने का अधिकार सभी के लिए बाध्यकारी होगा। भारतीय कुश्ती महासंघ और उसका विरोध करने वाले पहलवानों के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है।
खाप पंचायतों का दूसरा मोर्चा जंतर मंतर पर भी खुला हुआ है। अखिल भारतीय पूनिया महापंचायत राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जंतर मंतर पर बैठे पहलवानों को लेकर आज (रविवार, 21 मई) फैसला लिया जाना है। उन्होंने कहा कि पहलवान जंतर-मंतर पर बैठे हैं लेकिन मोदी सरकार ने एक शब्द नहीं बोला है।
पूनिया महापंचायत के प्रवक्ता अजय बागी ने कहा कि ये "सफेद पगड़ी" हैं। हमें इस खाप पर सदियों से भरोसा है। जो भी फैसला होगा वो देश हित में होगा। 15 साल की तपस्या होती है, पहलवान बनाने के लिए खाने-पीने से हाथ धोना पड़ता है।
बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट जैसे प्रसिद्ध पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सात महिला पहलवानों ने कुश्ती महासंघ प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है।
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