कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ तीन महीने से ज़्यादा वक़्त से आंदोलन कर रहे किसानों को खाप पंचायतों का भी साथ मिला है। किसान और खाप पंचायतें चाहती हैं कि सरकार कृषि क़ानूनों को वापस ले और एमएसपी को लेकर क़ानून बनाए। इस बीच, हिसार की एक खाप पंचायत ने एलान लिया है कि वह 1 मार्च से 100 रुपये लीटर दूध बेचेगी।
खाप पंचायत के प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने डेयरी का काम करने वाले सभी किसानों से कहा है कि वे सरकार की को-ऑपरेटिव सोसाइटियों को इसी क़ीमत पर दूध बेचें। किसानों का कहना है कि उनकी मांग कृषि क़ानूनों को वापस लेने के साथ ही पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों को कम करने की भी है।
यह फ़ैसला रविवार को सतरौल खाप पंचायत की नारनौंद में हुई बैठक में लिया गया। खाप पंचायत के नेता फूल कुमार पेटवार ने कहा कि हालांकि हम आम लोगों को दूध 55 से 60 रुपये प्रति लीटर पर ही देना जारी रखेंगे।
पेटवार ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क़ानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग को नहीं सुन रही है, इसके अलावा उसने पेट्रोल-डीजल की क़ीमतें भी बढ़ा दी हैं। उन्होंने कहा कि हम सरकार को जगाना चाहते हैं क्योंकि डीजल की बढ़ी क़ीमतों के कारण किसानों को नुक़सान हो रहा है।
ट्विटर पर हुआ था ट्रेंड
खाप पंचायत के इस एलान की ट्विटर पर चर्चा हुई थी और #1मार्च_से_दूध_100_लीटर ट्रेंड हुआ था। इस हैशटैग को ट्रेंड कराने वालों का कहना था कि अगर आप 100 रुपये लीटर पेट्रोल ख़रीद सकते हैं तो आप दूध को भी इसी क़ीमत पर ख़रीद सकते हैं।
If you can afford 100 per litre #petrol
— Mukesh Meena 🌐 (@mukeshmeenaaa) February 27, 2021
🔥🔥🔥🔥
You can even buy 100 litres of #milk...
✅✅✅✅#1मार्च_से_दूध_100_लीटर pic.twitter.com/uwGjUhDv3t
संयुक्त किसान मोर्चा का इनकार
हालांकि खाप पंचायत के इस एलान से संयुक्त किसान मोर्चा ने किनारा कर लिया है। किसान नेता दर्शनपाल ने कहा है कि इस तरह के एलान से संयुक्त किसान मोर्चा का कोई लेना-देना नहीं है। मोर्चे की ओर से दूध के बारे में कोई फ़ैसला नहीं किया गया है और जिस तरह आप दूध का काम कर रहे हैं, उसे जारी रखिए। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे इस तरह के एलान या संदेश से गुमराह न हों।
किसान महापंचायतें जारी
दिल्ली के सिंघु, टिकरी और ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने भी लंबी लड़ाई के लिए कमर कस ली है। इसके साथ ही देश भर में किसान महापंचायतें हो रही हैं और इनमें बड़ी संख्या में लोग उमड़ रहे हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर महापंचायतें हो रही हैं।
युवा मांग रहे रोज़गार
किसान आंदोलन और पेट्रोल-डीजल की क़ीमतों में लगी आग से जूझ रही मोदी सरकार को युवाओं ने भी घेर लिया है। बीते कुछ दिनों से रोज़गार, परीक्षाओं के रिजल्ट न आने के मसले पर युवाओं ने ट्विटर पर मोदी सरकार को निशाने पर लिया हुआ है। ट्विटर पर #मोदी_रोज़गार_दो, #modi_rojgar_do, #मोदी_मतलब_देश_चौपट और #cgl19marks हैशटैग पर लाखों ट्वीट हो रहे हैं। धुआंधार ट्वीट्स के चलते #modi_rojgar_do काफी घंटों तक 1 नंबर पर ट्रेंड करता रहा।
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