क्या हो यदि आपकी निजी जानकारियाँ कोई दूसरा इस्तेमाल कर ले? पासवर्ड, बैंक की जानकारी, बीमारी, आधिकारिक पहचान पत्र, आधार कार्ड, या राजनीतिक झुकाव जैसी जानकारी? और क्या हो यदि आपकी पूरी जानकारी सरकार मनमर्जी से इस्तेमाल करे? कुछ ऐसे ही सवाल खड़े होते हैं जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ख़तरे के प्रति आगाह करें।
डाटा बिल- सरकार को ज़्यादा अधिकार देना ख़तरनाक: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज
- देश
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- 22 Feb, 2020
क्या हो यदि आपकी निजी जानकारियाँ कोई दूसरा इस्तेमाल कर ले? और क्या हो यदि आपकी अपनी पूरी जानकारी सरकार मनमर्जी से इस्तेमाल करे? कुछ ऐसे ही सवाल खड़े होते हैं जब सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस ख़तरे के प्रति आगाह करें।

सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण ने आगाह किया है कि केंद्र सरकार को ज़्यादा अधिकार और क़ानूनी छूट देना एक ख़तरनाक ट्रेंड है। इसके साथ ही उन्होंने संभावित "ऑरवेलियन स्टेट" की चेतावनी दी है। "ऑरवेलियन स्टेट" का मतलब है लोगों के कल्याण और मुक्त समाज को तबाह करने वाला राज्य। यानी ऐसे सख्त क़ानून वाला राज्य जिसमें लोगों पर हद से ज़्यादा निगरानी हो, ग़लत सूचनाएँ फैलाई जाएँ और प्रोपगेंडा चलाया जाए। समाज के हर तबक़े पर सरकार का नियंत्रण, अपने ही लोगों के निजी और सार्वजनिक जीवन पर सरकारी निगरानी और अनावश्यक ताकझाँक भी। जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण की यह चेतावनी प्रिवेसी बिल के नाम से बुलाए जाने वाले प्राइवेट डाटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर आई है। उनके नेतृत्व में ही इसके मूल विधेयक को तैयार किया गया था। बाद में सरकार ने उसमें बदलाव कर दिया। इसी बदलाव पर जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण ने संसद की ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को एक नोट लिखा है। उनकी यह चेतावनी इस लिहाज़ से काफ़ी अहम हैं कि निजी जानकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएँ जताई जा रही हैं और इसके दुरुपयोग की संभावना है।