दिल्ली हाई कोर्ट ने देवांगना कालिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल तन्हा को ज़मानत देते हुए यूएपीए पर जो टिप्पणी की थी उसकी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज दीपक गुप्ता ने जमकर तारीफ़ की है। जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूँ कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने फ़ैसला सुनाया। यह बहुत अच्छी तरह से लिखा गया निर्णय है। यह यूएपीए के संबंध में अपनाए जाने वाले दृष्टिकोण का सबसे अच्छा विश्लेषण हो सकता है।'
एक्टिविस्टों पर यूएपीए: दिल्ली हाई कोर्ट का फ़ैसला सबसे अच्छा- जस्टिस गुप्ता
- देश
- |
- 25 Jul, 2021
सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस दीपक गुप्ता ने देवांगना कालिता, नताशा नरवाल और आसिफ़ इक़बाल तन्हा को ज़मानत देते हुए यूएपीए पर की गई दिल्ली हाई कोर्ट की टिप्पणी की जमकर तारीफ़ की है।

इसके साथ ही जस्टिस गुप्ता ने इस पर खेद व्यक्त किया कि कुछ न्यायाधीशों को अभी भी यह नहीं पता है कि आतंकवाद क्या है और राजद्रोह क्या है। उन्होंने कहा कि 'कैसे यूएपीए ने लोगों को वर्षों तक कैद में रखा है, जहाँ पुलिस सहित हर कोई अच्छी तरह से जानता है कि कोई मामला नहीं बनता है। यूएपीए लागू किया जाता है क्योंकि अदालतें ज़मानत देने के लिए अनिच्छुक हैं या उन्हें लगता है कि वे ज़मानत नहीं दे सकते'। वह यूएपीए यानी ग़ैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और राजद्रोह जैसे सख़्त क़ानून और इनके ग़लत इस्तेमाल को लेकर बोल रहे थे।