ऐसे समय जब कई इसलामी देशों और भारत के मुसलिम धर्म गुरुओं से लेकर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव तक ने कोरोना वायरस के टीके पर सवाल उठाए हैं, जमात-ए-इसलामी (हिंद) ने इसे हरी झंडी दे दी है।
कोरोना वैक्सीन को जमात-ए-इसलामी की मंज़ूरी
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- 3 Jan, 2021
जमात-ए-इसलामी ने 'हराम' के मुद्दे पर धार्मिक स्थिति साफ करते हुए कहा कि जान बचाने के लिए यदि दूसरी कोई चीज उपलब्ध न हो तो हराम का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसलाम में मनुष्य की जान को सबसे महत्वपूर्ण मानते हुए कुछ स्थितियों में 'हराम' के प्रयोग की भी छूट दी गई है।

मुसलिम समुदाय के एक हिस्से में यह कह कर कोरोना टीके के विरोध किया जा रहा था कि इसमें इस्तेमाल की गई चीजों में कुछ 'हराम' (इसलाम में वर्जित) हैं। लेकिन जमात-ए-इसलामी ने 'हराम' के मुद्दे पर धार्मिक स्थिति साफ करते हुए कहा कि जान बचाने के लिए यदि दूसरी कोई चीज उपलब्ध न हो तो हराम का भी प्रयोग किया जा सकता है। इसलाम में मनुष्य की जान को सबसे महत्वपूर्ण मानते हुए कुछ स्थितियों में 'हराम' के प्रयोग की भी छूट दी गई है।