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Iphone हैकिंगः  सरकार ने कहा- 150 देशों में ऐसा अलर्ट, फिर भी चिंता की बात

केंद्रीय आईटी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार दोपहर बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आईफोन हैकिंग चिन्ता का विषय है। सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और वह इसकी तह तक जाएगी। एप्पल ने 150 देशों में यह एडवाइजरी जारी की है...।" तमाम विपक्षी नेताओं और पत्रकारों के आईफोन हैकिंग की खबरें सुबह से ही हैं। लेकिन इस संबंध में पहली सफाई या बयान भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय ने जारी किया। सरकार की ओर से मंत्री का बयान उसके डेढ़ घंटे बाद आया है। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री ने और उससे पहले मालवीय ने इस बहाने कांग्रेस पर हमला किया।
एप्पल ने सोमवार देर रात और मंगलवार सुबह भारत में प्रमुख विपक्षी नेताओं और सरकार विरोधी पत्रकारों को अलर्ट भेजकर उनके आईफोन हैकिंग की सूचना दी। इसके बाद शशि थरूर, महुआ मोइत्रा, ओवैसी, द वायर के संपादक सिद्धार्थ समेत कई लोगों के ट्वीट सामने आए, जिसमें आईफोन हैकिंग की बात कही गई थी।  
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केंद्रीय मंत्री ने सारे मामले को हल्का करते हुए कहा- "एप्पल की ओर से भेजे गए मेल से यह समझा जा सकता है कि उनके पास कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है, उन्होंने एक अनुमान के आधार पर अलर्ट भेजा है। यह अस्पष्ट है। ऐप्पल ने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया है कि कुछ लोगों के आरोप सच नहीं हैं। ऐसी सलाह 150 देशों में लोगों को भेजी गई है। इसके बाद मंत्री ने कांग्रेस और राहुल गांधी की तरफ इशारा करते हुए कहा- जो लोग देश का विकास नहीं देख सकते, वे विनाशकारी राजनीति कर रहे हैं...।"
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा- "जब भी इन मजबूर आलोचकों के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं होता है, तो वे केवल अपनी निगरानी की बात कहते हैं। उन्होंने कुछ साल पहले भी यह कोशिश (पेगासस) की थी, हमने उचित जांच की और मामले की निगरानी न्यायपालिका द्वारा भी की गई, लेकिन कुछ भी नतीजा नहीं निकला। इसमें प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हैं, जिन्होंने कहा था कि उनके दो बच्चों के फोन हैक कर लिए गए थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। यह एक झूठ है जिसे कुछ मजबूर आलोचक फैलाने की कोशिश कर रहे हैं...।" बता दें कि सरकार पर पेगासस स्पाईवेयर के जरिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करने का आरोप लग चुका है। वो मामला दब चुका है। पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाली कंपनी इजराइली है, जिसका नाम अन्य देशों में भी उछला था। दुनिया के तमाम देशों ने उस इजराइली कंपनी पर बैन लगा दिया है। लेकिन भारत में मामला दब गया। राजनीतिक दल इस मुद्दे को सही ढंग से नहीं उठा सके और अदालत भी कुछ कर नहीं पाई।
आईफोन हैकिंग पर केंद्रीय मंत्री की सरकारी सफाई से पहले गैर सरकारी सफाई भाजपा आईटी सेल के अमित मालवीय की तरफ से आई। उन्होंने ट्वीट किया, फिर एएनआई को वीडियो बयान भी दिया। अमित मालवीय ने कहा- "एप्पल ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने दुनिया भर में ऐसे कई नोटिफिकेशन भेजे हैं। लगभग 150 देशों में आईफोन चलाने वालों को ऐसी सूचनाएं प्राप्त हुई हैं और एप्पल भी सक्षम नहीं हैं यह बताने के लिए कि ऐसे नोटिफिकेशन क्यों भेजे गए हैं। 
अमित मालवीय ने कहा- विपक्ष का यह आरोप लगाना कि यह सरकार के इशारे पर किया जा रहा है, बिल्कुल निराधार है...राहुल गांधी स्पष्ट रूप से विदेशी वित्त पोषित एजेंसियों के प्रभाव में इन मुद्दों को उठाते रहते हैं लेकिन उन्होंने कभी भी जांच में सहयोग नहीं किया। विपक्ष के पास सरकार पर हमला करने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और इसलिए वे इस तरह के झूठे आरोप लगा रहे हैं...।"  
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क़मर वहीद नक़वी
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