सुन्नी जामा मस्जिद के हाफिज ताज आलम ने कहा कि दो लाउडस्पीकरों को हटाने के लिए यह कदम समय की जरूरत है। हम सद्भाव से रह रहे हैं और इसे (लाउडस्पीकर) रास्ते में आने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश में यह सद्भाव बना रहे और लोग शांति से रहें। हमारे पास मस्जिद के अंदर छोटे स्पीकर हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आवाज बाहर न जाए और मस्जिद के भीतर रहे।
इलाहाबाद में भी पहल
प्रयागराज में प्राचीन मां अलोपशंकरी मंदिर ने लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद कर दिया है। सोमवार और शुक्रवार को यहां भारी भीड़ होती है। उस दिन छोटे स्पीकर से काम चलाया जाता है। इसी तरह मां कल्याणी देवी मंदिर और मां ललिता देवी मंदिर में बड़े लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल बंद हो गया है। छोटे लाउडस्पीकरों की आवाज बाहर नहीं जाने दी जा रही है। मनकामेश्वर मंदिर प्रबंधन ने तय किया है कि अब वो पूजा और अनुष्ठान में लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। इसी तरह वेणी माधव मंदिर दारागंज में भी लाउडस्पीकर का प्रयोग बहुत धीमा कर दिया गया है। बहुत विशेष अवसरों पर इसका इस्तेमाल होगा। यूनिवर्सिटी बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर में बड़े लाउडस्पीकर को हटा दिया गया है। मंगलवार और शनिवार को छोटे स्पीकर इस्तेमाल हो रहे हैं, जिनकी आवाज बाहर नहीं जाती है। हालांकि विश्व पुरोहित परिषद के अध्यक्ष बिपिन पांडे ने कहा कि संगम क्षेत्र में लाउडस्पीकर की छूट मिलना चाहिए।एडीजीपी का दावा
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि धार्मिक स्थलों से अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने का आदेश शनिवार को जारी किया गया था। इस संबंध में एक अनुपालन रिपोर्ट जिलों से 30 अप्रैल तक मांगी गई है।
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