केंद्र सरकार ने राज्यों से क्यों कहा है कि ब्लैक फंगस के मामलों को महामारी क़ानून के तहत अधिसूचित करें? देश में जिस तरह से इसके मामले सामने आ रहे हैं वे ही इस सवाल का साफ़ जवाब देते हैं। देश भर में 5500 से ज़्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं और 126 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इस फंगस के संक्रमण के मामले देश के किसी एक हिस्से से ही नहीं आ रहे हैं, बल्कि अधिकतर हिस्सों से। बंगाल से लेकर राजस्थान और हरियाण से लेकर तमिलनाडु तक। महाराष्ट्र और गुजरात में तो क़रीब डेढ़-डेढ़ हज़ार केस आ चुके हैं।
ब्लैक फंगस के 5500 केस, 126 मौतें; महामारी में अधिसूचित क्यों?
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- 21 May, 2021
केंद्र सरकार ने राज्यों से क्यों कहा है कि ब्लैक फंगस के मामलों को महामारी क़ानून के तहत अधिसूचित करें? देश भर में 5500 से ज़्यादा ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं और 126 लोगों की मौतें हो चुकी हैं।

तो सवाल है कि इसे महामारी एक्ट में अधिसूचित करने के लिए क्यों कहा गया है? इस सवाल के जवाब से पहले यह जान लें कि यह ब्लैक फंगस क्या है। ब्लैक फंगस को तकनीकी भाषा में म्यूकोर्मिकोसिस कहा जाता है। लेकिन आम तौर पर यह ब्लैक फंगस के नाम से चर्चित है। यह एक दुर्लभ लेकिन गंभीर संक्रमक बीमारी है।