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पाक ने यूएन में उठाया कश्मीर का मुद्दा तो भारत ने दिया करारा जवाब

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान ने जब कश्मीर का मुद्दा उठाया तो भारत ने उसे इसका जोरदार जवाब दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकी संगठन अलकायदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन की पाकिस्तान द्वारा मेजबानी किए जाने की बात कही और भारत की संसद पर साल 2001 में हुए आतंकी हमले के मुद्दे को भी उठाया। 

एस. जयशंकर ने कहा कि सीमा पार से आतंकवाद को किसी भी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता और पूरी दुनिया इसे अस्वीकार करती है। 

विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया जिस बात को स्वीकार नहीं करती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए और यह बात सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के मामले में लागू होती है। 

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उन्होंने पाकिस्तान को सीधा संदेश देते हुए कहा कि न ही ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और न ही पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना संयुक्त राष्ट्र परिषद सुरक्षा परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रामाणिकता के रूप में काम कर सकता है। 

बताना होगा कि 13 दिसंबर 2001 को भारत की संसद पर हमला हुआ था और इस हमले का आरोप पाकिस्तान समर्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद पर लगा था। इस हमले में 9 लोग मारे गए थे। 

इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। बिलावल भुट्टो ने कहा कि यदि आप बहुपक्षवाद की सफलता देखना चाहते हैं तो आप कश्मीर की बात आने पर यूएनएससी के प्रस्ताव को लागू करने की अनुमति दे सकते हैं, साबित करें कि भारत की अध्यक्षता में यूएनएससी सफल हो सकती है और हमारे क्षेत्र में शांति दे सकती है। 

बिगड़े रिश्ते 

भारत और पाकिस्तान के बीच 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के बाद तनाव बढ़ना शुरू हुआ था और दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे।

पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंधों में कटौती कर दी थी। भारत ने कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस बात को कहा है कि कश्मीर से धारा 370 को हटाना उसका आंतरिक मामला है। भारत ने पाकिस्तान को नसीहत दी है कि वह हकीकत को स्वीकार करे और भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाने से बाज जाए। 

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हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच बीते साल जब संघर्षविराम हुआ था, उसके बाद से यह उम्मीद थी कि दोनों देशों के रिश्ते अब बेहतर हो सकते हैं। उस दौरान ऐसी खबरें भी आई थीं कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की उनके तत्कालीन पाकिस्तानी समकक्ष मोइद यूसुफ से किसी दूसरे देश में मुलाकात हुई थी। हालांकि यूसुफ ने इससे इनकार किया था।

दोनों देशों के बीच व्यापार भी रुका हुआ है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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