भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 वर्ल्ड कप के मैच को लेकर फिर बवाल मचा है। विपक्ष की तो बात ही दूर है, बीजेपी के ही मंत्री पाकिस्तान से मैच रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पूछा जा रहा है कि पाकिस्तान आतंकवादी भेजकर भारतीयों की हत्या करवा रहा है और भारत उसके साथ टी-20 मैच खेलेगा?
वैसे, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट मैच लंबे अरसे से हो भी नहीं रहा है। जब कभी इसकी शुरुआत होती भी है तो फिर यह सीमा पर तनाव की भेंट चढ़ जाता है। हाल के वर्षों में मैच हुए भी हैं तो आईसीसी वाला अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट ही। आख़िरी मुक़ाबला वनडे वर्ल्ड कप-2019 में खेला गया था, जो इंग्लैंड में हुआ था। उसके बाद भारत ने आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप-2021 के दौरान पाकिस्तान के साथ सीरीज़ खेलने से इनकार कर दिया था।
खेल का ऐसा हाल भारत और पाकिस्तान जैसे उन देशों के बीच है जहाँ माना जाता है कि क्रिकेट की सबसे बेहतरीन और रोमांचक प्रतिद्वंद्विता है। जैसा उत्साह इन दोनों देशों के बीच क्रिकेट मैच में होता है, वैसा शायद ही किन्हीं दो देशों के बीच मैच में हो। दोनों देशों के बीच क्रिकेट खेल से भी बढ़कर लगता है। क्रिकेट भले ही अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में नहीं होता है, लेकिन यह भारत और पाकिस्तान में एक धर्म जैसा है। लेकिन राजनीतिक मतभेदों के कारण दोनों एक-दूसरे के साथ नहीं खेलते हैं।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय शृंखला क़रीब आठ साल पहले हुई थी। टेस्ट मैच हुए तो 13 साल से अधिक समय हो गया। भारत ने पहले ही साफ़ कर दिया है कि अगर कोई टूर्नामेंट पाकिस्तान में हुआ तो भारत वहाँ मैच नहीं खेलेगा। बीसीसीआई ने आईपीएल में भी उसके खिलाड़ियों के खेलने पर प्रतिबंध लगा रखा है। अब इन टीमों के बीच मुक़ाबला आईसीसी टूर्नामेंट्स और एशिया कप में ही हो पाता है।
आईसीसी के टूर्नामेंट में जैसे हालात अभी बने हैं वैसे ही हालात वनडे वर्ल्ड कप-2019 में भी बने थे। इस पर ख़ूब बहस हुई थी, लेकिन आख़िर में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच 16 जून, 2019 को मैनचेस्टर में खेला गया था। उसमें भारत ने पाकिस्तान को डकवर्थ लुईस नियम के अनुसार 89 रनों से हराया था। ताबड़तोड़ 140 रन बनाने वाले रोहित शर्मा को मैन ऑफ़ द मैच चुना गया था। उस मैच के दौरान दोनों देशों में जैसा रोमांच देखा गया था वैसा फिर बाद में कभी नहीं देखा गया।
भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक रिश्ते तल्ख रहे हैं, जिसका असर क्रिकेट पर पड़ता ही है।
दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध में सबसे ताज़ा मोड़ तब आया था जब 18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर के उरी सेक्टर में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। इसमें कम से कम 18 जवान शहीद हो गए थे। यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। इससे दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए। भारत सरकार ने कूटनीतिक स्तर पर विश्वभर में पाकिस्तान को अलग-थलग करने की मुहिम छेड़ दी। भारत का साफ़ कहना रहा है कि आतंकवाद के साथ-साथ क्रिकेट के रिश्ते नहीं चल सकते हैं।
दोनों देशों के बीच पहली बार 1952 में मैच खेला गया था जब पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था। लेकिन 1965 और 1971 के दो युद्धों की वजह से दोनों देशों के बीच 1962 और 1977 के बीच कोई क्रिकेट मैच नहीं खेला गया। 1999 के कारगिल युद्ध और 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों ने भी दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंधों को बाधित किया। फिर 2009 में पाकिस्तान में श्रृलंका क्रिकेट टीम पर आतंकवादी हमले के बाद से पाकिस्तान में कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं हो पाया।
बाद में जब भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते नरम हुए तो दिसंबर 2012 में बीसीसीआई ने पाकिस्तान की टीम को द्विपक्षीय मैचों के लिए आमंत्रित किया। फिर 2014 में द्विपक्षीय श्रृंखला की बात की गई, लेकिन तकनीकी वजहों से समझौता नहीं हो पाया। इसी बीच 2016 में उरी हमला हो गया। मई 2017 में बीसीसीआई ने कहा कि द्विपक्षीय शृंखला के लिए उसे भारत सरकार से अनुमोदन लेने की ज़रूरत होगी। फिर 2019 में पुलवामा हमला हो गया जिसमें 40 जवान शहीद हो गए। इसके बाद अब जब दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के बीच रिश्ते बहाल करने को लेकर पहल भी हुई, लेकिन फिर से आतंकवादी गतिविधियों के बढ़ने से रिश्ते सुधरने के आसार कम होने लगे हैं।
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