भारत ने मणिपुर हिंसा को लेकर यूरोपीय संसद द्वारा पारित प्रस्ताव की तीखी आलोचना की है। यूरोपीय संसद ने मानवाधिकार की स्थिति पर वह प्रस्ताव पारित किया था। इस पर भारत ने दोहराया है कि मणिपुर एक 'आंतरिक मामला' है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह कदम औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है और यह स्वीकार्य नहीं है।
मणिपुर पर यूरोपीय संसद की टिप्पणी औपनिवेशिक मानसिकता: भारत
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- 14 Jul, 2023
प्रधानमंत्री मोदी की एक यूरोपीय देश फ्रांस की यात्रा के दौरान ही इसी देश के स्ट्रासबर्ग स्थित यूरोपीय संसद ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रस्ताव पारित क्यों किया? जानें भारत ने प्रस्ताव पर क्या कहा।

भारत के विदेश मंत्रालय की यह प्रतिक्रिया तब आई है जब यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की गई है। यूरोपीय संसद में 6 संसदीय समूहों की तरफ से प्रस्तुत इस प्रस्ताव में मणिपुर में पिछले दो महीने से चल रही हिंसक वारदातों को न रोक पाने के लिए मोदी सरकार के तौर-तरीकों की तीखी आलोचना की गई है। इसमें कहा गया है कि हिंदू बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा देने वाली राजनीति से प्रेरित और बँटवारा करने वाली नीतियों और आतंकी समूहों की गतिविधियों में हुई बढ़ोतरी से हम चिंतित हैं।