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उपचुनाव में इंडिया गठबंधन ने 10 सीटें जीतीं, एनडीए 2 पर सिमटा

लोकसभा चुनाव में जीत के बाद इंडिया गठबंधन को अब उपचुनाव में भी बड़ी सफलता मिली है। उपचुनाव में इंडिया गठबंधन ने 13 में से 10 सीटें जीतीं, जबकि एनडीए को केवल दो सीटें मिलीं। बिहार में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने रूपौली में जीत दर्ज की। लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी के लिए यह लगातार दूसरा बड़ा झटका है। लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी को अपने दम पर बहुमत नहीं मिला है।

उत्तराखंड में कांग्रेस ने बद्रीनाथ और मंगलौर में जीत दर्ज की। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने देहरा और नालागढ़ में जीत दर्ज की, जबकि भाजपा ने हमीरपुर में जीत दर्ज की। मध्य प्रदेश में भाजपा ने अमरवाड़ा में जीत दर्ज की। पंजाब में आप ने जालंधर पश्चिम में जीत दर्ज की। तमिलनाडु में डीएमके ने विक्रवंडी में जीत दर्ज की। पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने रायगंज, राणाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला में जीत दर्ज की।

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कांग्रेस ने शनिवार को उत्तराखंड की दोनों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की। पार्टी उम्मीदवार काजी मोहम्मद निजामुद्दीन ने मंगलौर में 400 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की। बद्रीनाथ में कांग्रेस के लखपत सिंह बुटोला ने पूर्व विधायक राजेंद्र भंडारी को 5000 से अधिक वोटों से हराया। हिमाचल की देहरा सीट पर सभी दस राउंड की मतगणना पूरी होने के साथ ही कांग्रेस उम्मीदवार और हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर ने 9,000 से ज़्यादा वोटों से जीत हासिल कर ली। कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा ने नालागढ़ में भाजपा के केएल ठाकुर को 8,990 मतों से हराया। वहीं, हमीरपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी के आशीष शर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. पुष्पिंदर वर्मा को हराया है। पश्चिम बंगाल में टीएमसी उम्मीदवार कृष्णा कल्याणी ने रायगंज सीट पर 50,000 से ज़्यादा वोटों से जीत हासिल की है। 

पंजाब के जालंधर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में आप नेता मोहिंदर भगत ने 37,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की है। आप विधायक शीतल अंगुराल के भाजपा में शामिल होने के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा की गई। भाजपा के तीनों उम्मीदवार पहले निर्दलीय विधायक थे, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देने के बाद हिमाचल विधानसभा से इस्तीफा दे दिया था। 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है, 'विधानसभा उपचुनाव के सकारात्मक परिणाम के लिए हम जनता के सामने नतमस्तक है। उन्होंने जहाँ-जहाँ कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों के लिए वोट किया, इसके लिए उनका तहेदिल से धन्यवाद व आभार। विपरीत परिस्थितियों में सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत और प्रयासों के लिए हम उनका अभिवादन करते हैं। ये जीत दर्शाती है कि जनता ने भाजपा के अहंकार, कुशासन और नकारात्मक राजनीति को अब सिरे से नकार दिया है। यह मोदी-शाह जी के गिरते राजनीतिक साख का भी प्रबल प्रमाण है।'

जिन विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था उनमें पश्चिम बंगाल में रायगंज, रानाघाट दक्षिण, बागदा और मानिकतला; हिमाचल प्रदेश में देहरा, हमीरपुर और नालागढ़; उत्तराखंड में बद्रीनाथ और मंगलौर; पंजाब में जालंधर पश्चिम; बिहार में रूपौली; तमिलनाडु में विक्रवंडी और मध्य प्रदेश में अमरवाड़ा शामिल हैं। इनमें से चार राज्यों में इंडिया गठबंधन के घटक दलों का शासन है जबकि बाकी में भाजपा या एनडीए की सरकार है।

ये उपचुनाव लोकसभा चुनाव के बाद पहला कोई चुनाव था जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल इंडिया ब्लॉक के घटक दल सीटों के लिए होड़ में थे।

उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में मतदान के दिन छिटपुट हिंसा देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर मतदान प्रतिशत उच्च रहा था। पश्चिम बंगाल में चार विधानसभा क्षेत्रों के लिए हुए उपचुनाव में 62.71 प्रतिशत मतदान हुआ था। पश्चिम बंगाल में उपचुनाव इसलिए जरूरी हो गए क्योंकि रायगंज से कृष्णा कल्याणी, बगदाह से बिस्वजीत दास और रानाघाट दक्षिण से मुकुट मणि अधिकारी ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी सीटें छोड़ दी थीं। 

बिहार में रूपौली विधानसभा सीट बीमा भारती के इस्तीफे के कारण खाली हुई। उन्होंने पहले भी कई बार जेडी(यू) के लिए सीट जीती थी, लेकिन हाल ही में उन्होंने पार्टी छोड़ दी और आरजेडी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़े। उत्तराखंड में मंगलौर विधानसभा क्षेत्र में हिंसा के बावजूद 67.28 प्रतिशत मतदान हुआ था।

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में अमरवाड़ा (एसटी) विधानसभा सीट के लिए भी मतदान हुआ, जिसमें 78.71 प्रतिशत मतदान हुआ। तीन बार के कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के मार्च में भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हो गई थी।

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तमिलनाडु के विक्रवंडी विधानसभा क्षेत्र में 82.48 प्रतिशत मतदान हुआ। डीएमके विधायक एन पुघाझेंधी के निधन के कारण उपचुनाव कराना पड़ा।

पंजाब में जालंधर पश्चिम विधानसभा उपचुनाव में 55 प्रतिशत मतदान हुआ। आप विधायक शीतल अंगुराल के भाजपा में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हुई थी। इस सीट पर सत्तारूढ़ आप, भाजपा और कांग्रेस के बीच बहुकोणीय मुकाबला देखने को मिला। 

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क़मर वहीद नक़वी
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