भारत ने अभी तक अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। तालिबान आज भी अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों की सूची में शामिल है। इसके बावजूद भारत की अफगानिस्तान से लगातार बातें हो रही हैं। बैठकें हो रही हैं। विदेश सचिव विक्रम मिसरी की तालिबान शासित अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी की बैठक पर तमाम देशों की नजर है। यह बातचीत-मुलाकात इसके बावजूद हो रही है, जबकि अफगानिस्तान में तालिबान शासकों ने वहां की महिलाओं पर तमाम पाबंदियां लगाकर उनकी जिन्दगी मुश्किल कर दी है। लेकिन जब भारतीय उपमहाद्वीप से लेकर तमाम देशों में जियो पॉलिटिक्स में उतार-चढ़ाव आ रहा है तो ऐसी चीजें, मानवाधिकार, आतंकवाद मायने नहीं रखते। आपको बातचीत के टेबल पर बैठना ही पड़ता है।