कोरोना संक्रमण इस बार कितनी तेज़ी से फैला है? आँकड़े चौंकाते हैं। 4 अप्रैल को पहली बार एक दिन में 1 लाख से ज़्यादा केस आए थे और 14 अप्रैल को एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा केस हो गए। इसे कितनी रफ़्तार से फैलना कहेंगे!
भारत में पिछले साल 30 जनवरी को पहली बार कोरोना संक्रमण का मामला आया था। हर रोज़ संक्रमण के मामले घटते-बढ़ते रहे, लेकिन पहली बार एक दिन में एक लाख से ज़्यादा केस आने में 1 साल दो महीने लगे। यानी क़रीब 425 दिन। हर रोज़ अब एक लाख से दो लाख के पहुँचने में सिर्फ़ दस दिन लगे।
इसकी रफ़्तार मापने का एक और पैमाना हो सकता है। पहली लहर और दूसरी लहर में तुलना की जाए। यह देखने के लिए सबसे पहले कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के बीच के अंतर को समझना होगा।
पिछले साल 30 जनवरी को देश में कोरोना का पहला मामला आया था और सितंबर में यह अपने चरम पर था। इसके बाद संक्रमण के मामले कम होने शुरू हो गए और इस साल 8-9 फ़रवरी तक ऐसा ही चला। इसके बाद संक्रमण के मामले बढ़ने लगे। यानी कह सकते हैं कि यही वह दौर था जब कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हुई।
यानी दूसरी लहर के शुरू होने के साथ इस साल 9 फ़रवरी को 10 हज़ार केस थे। अब पहली लहर से इसकी तुलना कर देखें। पिछली लहर में 10 हज़ार संक्रमण के मामले 6 जून को आए थे। यह शिखर पर 11 सितंबर को था जब क़रीब 97 हज़ार केस आए थे। इसके लिए क़रीब 97 दिन लगे। अब इस लहर में संक्रमण के मामले 9 फ़रवरी को 10 हज़ार से 4 अप्रैल को 97 हज़ार को पार करने में क़रीब 56 दिन लगे, लेकिन दो लाख को पार करने में कुल मिलकार 66 दिन लगे।
अब हालात ये हैं कि पिछले एक पखवाड़े से संक्रमण के मामले बढ़ने में इतनी तेज़ी आई है कि क़रीब तीन गुना मामले बढ़ गए हैं। 31 मार्च को एक दिन में संक्रमण के मामले क़रीब 72 हज़ार आए थे। लेकिन अब 14 दिनों बाद एक दिन में 2 लाख से ज़्यादा केस हैं।
ऐसी ही स्थिति मौत के मामलों में भी है। फ़रवरी के मध्य में जहाँ हर रोज़ मौत के मामले 100 से भी नीचे आने लगे थे वे अब बढ़कर हर रोज़ 1000 से ज़्यादा हो गए हैं।
बता दें कि देश में अब तक कोरोना से 1 लाख 73 हज़ार 123 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल संक्रमण के मामले 1 करोड़ 40 लाख 74 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं। अब तक 1 करोड़ 24 लाख लोग ठीक हो चुके हैं। देश भर में फ़िलहाल 14 लाख 71 हज़ार से ज़्यादा सक्रिये मामले हैं।
बहरहाल, देश में सबसे ज़्यादा मामले महाराष्ट्र से आए हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, गुजरात और राजस्थान में भी रिकॉर्ड मामले आ रहे हैं।
'अप्रैल में शिखर पर होगी दूसरी लहर'
कोरोना संक्रमण के मामलों में जो तेज़ी आई है वह इस महीने यानी अप्रैल के दूसरे पखवाड़े में अपने शिखर पर होगी। यानी हर रोज़ कोरोना संक्रमण के मामले अप्रैल तक बढ़ते रहने के आसार हैं। स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया यानी एसबीआई ने पिछले महीने ही एक रिपोर्ट में यह आशंका जताई थी।
कितने दिन तक कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर रहेगी, इसकी संभावना भी रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट का अनुमान है कि दूसरी लहर 100 दिन तक रह सकती है। दूसरी लहर को 15 फ़रवरी से गिना जा सकता है।
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