देश में कोरोना संक्रमण के मामले पिछले 24 घंटे में काफ़ी तेज़ी से बढ़े हैं। पॉजिटिव केसों में 44 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कहा कि एक दिन में 9195 पॉजिटिव केस आए हैं। एक दिन पहले 24 घंटे में 6,358 मामले आए थे। ओमिक्रॉन के मामले भी अब क़रीब आठ सौ पहुँचने को हैं।
डेल्टा वैरिएंट से भी कम से कम 3 गुना ज़्यादा तेज गति से फैलने वाले ओमिक्रॉन वैरिएंट के कुल मामले अब 781 हो गए हैं। यह संक्रमण देश के 21 राज्यों में फैल चुका है। एक दिन पहले ये मामले 653 थे।
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— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) December 29, 2021
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ओमिक्रॉन के सबसे ज़्यादा मामले दिल्ली में आए हैं और यहाँ 238 केस दर्ज किए गए हैं। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है और वहाँ 167 मामले दर्ज किए गए हैं। गुजरात में 73, केरल में 65, तेलंगाना में 62, राजस्थान में 46, कर्नाटक में 34, तमिलनाडु में 34, हरियाणा में 12 व पश्चिम बंगाल में 11 मामलों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश, गोवा, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और मणिपुर में भी नये वैरिएंट के मामले सामने आए हैं।
भारत में आए कुल कोरोना के मामलों में रिकवरी दर वर्तमान में 98.40 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कम से कम 7,347 लोग ठीक हुए हैं। ठीक होने वालों की कुल संख्या 3,42,51,292 है। सक्रिय मामले कुल मामलों के 1 प्रतिशत से भी कम हैं। कुल सक्रिय मामले 77,002 हैं।
भारत में 2 दिसंबर को पहली बार ओमिक्रॉन वैरिएंट के दो मामलों की पुष्टि हुई थी। इससे पहले 24 नवंबर को दुनिया में सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में इस नये वैरिएंट की पुष्टि हुई थी। पिछले हफ़्ते ही केंद्र सरकार ने ओमिक्रॉन के ख़तरे को लेकर चेतावनी जारी की है। इसने कहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा से भी कम से कम 3 गुना ज़्यादा तेजी से फैलता है। केंद्र ने इसके साथ ही कोरोना से निपटने के तौर-तरीके भी बताए हैं।
दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित कई राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले बढ़ने के बाद रात के कर्फ्यू लगाने की घोषणा की गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आज कहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट का जोखिम अभी भी बहुत अधिक है। पिछले सप्ताह वैश्विक स्तर पर कोरोना मामलों की संख्या में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ओमिक्रॉन कई देशों में तेजी से फैल रहा है और कई देशों में डेल्टा से भी आगे निकल गया है।
इसने कहा कि ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और डेनमार्क के शुरुआती डेटा से पता चलता है कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के लिए अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम कम है। हालाँकि इस पर किसी पक्के नतीजे पर पहुँचने के लिए और भी शोध की ज़रूरत है।
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