कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि देश में चीन पर चर्चा कब होगी। उन्होंने द हिंदू समाचार पत्र में छपी खबर को ट्वीट करते हुए कहा है कि चीन डोकलाम में जामफेरी रिज तक निर्माण कर चुका है और यह भारत के लिए रणनीतिक रूप से बेहद अहम सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए खतरा है।
खड़गे ने कहा है कि सिलिगुड़ी कॉरिडोर भारत में पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार है। उन्होंने कहा है कि चीन का जामफेरी रिज तक निर्माण करना हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में प्रधानमंत्री को यह बताना चाहिए कि हम चीन पर चर्चा कब करेंगे।
द हिंदू की खबर में रक्षा सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन ने भारत-भूटान-चीन ट्राई जंक्शन के किनारे तोरसा नाले के पास एक रोपवे बनाया है और वह पूरे पूर्वी क्षेत्र में सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रहा है।
द हिंदू ने कहा है कि तवांग सेक्टर के यांगस्ते इलाके में, जहां पर 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, रक्षा क्षेत्र से जुड़े अफसर बताते हैं कि चीन ने इस इलाके पर अपना दावा जताने के लिए कुछ साल पहले से ही यहां गश्त बढ़ा दी थी।
लाल आंख पर चीनी चश्मा
मल्लिकार्जुन खड़गे ने इससे पहले ट्वीट कर कहा था कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार की लाल आंख पर चीनी चश्मा लग गया है। लाल आंख का मतलब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान से है जब उन्होंने गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए कहा था कि चीन को लाल आंख दिखाई जानी चाहिए। इससे पहले भी विपक्ष के तमाम नेताओं ने तवांग में हुई झड़प के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चीन को लाल आंख दिखाए जाने की मांग की थी।
खड़गे ने पूछा था कि क्या भारतीय संसद में चीन के विरूद्ध बोलने की अनुमति नहीं है? उन्होंने कहा था कि चीन के द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण के बारे में हम इस सदन में चर्चा चाहते हैं। हमारी कोशिश है कि हमारे साथ ही पूरे देश को यह जानकारी मिले कि वहां की स्थिति क्या है?
खड़गे ने पूछे थे सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा था कि आप 2014 के बाद 18 बार शी जिनपिंग से मिले हैं। 16 बार सैन्य वार्ता हुई है। ये बताइए कि क्या चीन अप्रैल, 2020 से पहले की यथास्थिति को मानने को तैयार नहीं है? तवांग, अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं। हमारे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री सभी वहां जाते रहते हैं। इसके बावजूद चीन किस अधिकार से उस इलाक़े में घुसपैठ करना चाहता है?
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