लंबी, उलझन भरी बातचीत
एलएसी पर चुशुल की चीनी चौकी पर भारतीय सेना के 14वें कोर के कमांडर लेफ़्टीनेंट जनरल हरिंदर सिंह और चीनी सेना के दक्षिण शिनजियांग सैन्य ज़िले के कमांडर मेजर जनरल लिन लिउ के बीच मंगलवार को लगभग 15 घंटे तक बातचीत चली।पर्यवेक्षकों का कहना है कि चीन ने रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण जगहों पर कब्जा कर लिया है। ऐसे में उससे यह इलाक़ा खाली कराना बेहद मुश्किल है। इसलिए यह बातचीत लंबी होगी, बेहद पेचीदी होगी और इसमें अभी समय लगेगा।
तीसरे दौर की बातचीत में सहमति
इसके पहले इन्हीं दोनों कमांडरों के बीच 30 जून को तीसरे दौर की बातचीत हुई थी। उस बातचीत का फ़ोकस गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा से चीनी सैनिकों की वापसी से जुड़ा हुआ था।तीसरे दौर की बातचीत का नतीजा यह निकला था कि पीपल्स लिबरेशन आर्मी ने गलवान घाटी से सैनिक वापस बुला लिए, इलाक़ा खाली कर दिया और ठोस संरचनाएं खुद ढहा दीं। भारतीय सेना ने भी ऐसा ही किया।
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रिपोर्ट यह भी आई थी कि इसके कुछ दिन बाद ही चीनी सेना ने हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा भी खाली कर दिया। मीडिया में सैटेलाइट तसवीरों के जरिए इसकी पुष्टि होने की ख़बरें भी आई थीं।
पर इस पर मतभेद भी हैं। जाने माने रक्षा विशेषज्ञ अजय शुक्ला ने इस पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स को चीन ने खाली नहीं किया है।
झड़प के बाद दूसरे दौर की बातचीत
इ्सके पहले दूसरे दौर की बातचीत इन्ही कमांडरों के बीच 22 जून को मोल्डो की चीनी चौकी पर हुई थी। यह बातचीत बेहद तनावपूर्ण वातावरण में हुई थी क्योंकि इसके पहले 15 जून को गलवान घाटी में श्योक और गलवान नदियों के संगम के पास दोनों सेनाओं में झड़प हुई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीनी सैनिक भी मारे गए थे।पहली बातचीत
भारतीय सेना और पीपल्स लिबरेशन आर्मी के बीच पहली बातचीत 5 जून को मोल्डो में हुई थी। यह बातचीत ऐसे समय हुई थी जब चीन और भारत की सेनाएं गलवान, गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स में एक दूसरे के सामने तनी हुई थीं।भारतीय सेना ने दौलत बेग ओल्डी एअर बेस पर अपनी मौजूदगी बढ़ा दी, साजो सामान जमा कर लिया। एलएसी की रखवाली लड़ाकू विमान करने लगे, ड्रोन से निगरानी होने लगी। भारतीय वायु सेना ने श्रीनगर एअर बेस को लॉजिस्टक्स का केंद्र बना लिया।
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