सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस विवादास्पद बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें हाईकोर्ट ने एक बलात्कार मामले में पीड़िता के बारे में कहा था कि उसने 'खुद ही मुसीबत बुलाई'। यह टिप्पणी हाईकोर्ट के जज जस्टिस संजय कुमार सिंह ने 11 मार्च 2025 को एक बलात्कार के आरोपी को जमानत देते समय की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस बयान को असंवेदनशील क़रार देते हुए न केवल इसकी आलोचना की, बल्कि यह भी चेतावनी दी कि न्यायाधीशों को ऐसी टिप्पणियों से बचना चाहिए। यह मामला अब देश में न्यायिक संवेदनशीलता और पीड़ितों के प्रति नज़रिए को लेकर एक बड़ी बहस का विषय बन गया है।
पीड़िता एक बार में शराब पीने के बाद नशे की हालत में थी। उसने दावा किया कि बार में मिले आरोपी उसे अपने घर ले जाने के बजाय अपने रिश्तेदार के फ्लैट में ले गया और वहां उसका बलात्कार किया। हालाँकि, हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि पीड़िता ने स्वयं आरोपी के घर जाने का फ़ैसला किया और वह अपनी हरकतों की नैतिकता और महत्व को समझने में सक्षम थी। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि मेडिकल जाँच में पीड़िता के हाइमन के फटे होने की पुष्टि हुई, लेकिन डॉक्टर ने यौन उत्पीड़न के बारे में कोई साफ़ राय नहीं दी।