सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वक्फ संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद देश के कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने इस हिंसा को बेहद परेशान करने वाला करार देते हुए कहा कि जब मामला न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, तब इस तरह की हिंसा नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी वक्फ संशोधन अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान की।

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इसमें वाहनों को जलाने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आईं। कुछ क्षेत्रों में हिंदू समुदाय के लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हुए, क्योंकि उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर ख़तरा महसूस हुआ। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने भी हिंसा को रोकने की ज़रूरत पर जोर दिया।