क्या भारत एक ऐसे राज्य में तब्दील होता जा रहा है जहाँ नागिरकों की हर गतिविधि पर सत्ता की निगरानी  रहती है? क्या संविधान के प्रावधानों की उपेक्षा कर लोगों की जासूसी करने से रोकना मुश्किल होता जा रहा है?