आईआईटी गुवाहाटी के एक छात्र को कथित तौर पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से संबंध को लेकर गिरफ़्तार किया गया है। आरोपी को शनिवार को असम के हाजो में कथित तौर पर आईएसआईएस के प्रति निष्ठा रखने के बाद हिरासत में लिया गया। उसको रविवार को गुवाहाटी की एक अदालत में ले जाया गया, जिसने उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। उर पर कड़े गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया था, 'आईएसआईएस के प्रति निष्ठा जताने वाले आईआईटी गुवाहाटी के छात्र का संदर्भ - उस छात्र को यात्रा के दौरान हिरासत में लिया गया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।'
Reference @IITGuwahati student pledging allegiance to ISIS - the said student has been detained while travelling and further lawful follow up would take place. @assampolice @CMOfficeAssam @HMOIndia
— GP Singh (@gpsinghips) March 23, 2024
चौथे वर्ष के बायोटेक्नोलॉजी के इस छात्र ने हाल ही में एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और ईमेल पर दावा किया था कि उसका इरादा आतंकवादी संगठन में शामिल होने का था। वह आईआईटी-गुवाहाटी परिसर से लापता हो गया था।
इसके बाद पुलिस ने आईआईटी के अधिकारियों से संपर्क किया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार जब पुलिस ने आईआईटी-गुवाहाटी के अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वह छात्र दोपहर से लापता था और उसका मोबाइल फोन भी बंद था।
रिपोर्ट के अनुसार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) कल्याण कुमार पाठक ने कहा, 'एक ईमेल मिलने के बाद हमने सामग्री की प्रामाणिकता की पुष्टि की और जांच शुरू की। यह ईमेल छात्र ने भेजा था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह आईएसआईएस में शामिल होने जा रहा है।' स्पेशल टास्क फोर्स के सूत्रों ने कहा कि उसे उसके हॉस्टल के कमरे में ले जाया गया जहां पुलिस ने आईएसआईएस के झंडे जैसा एक काला झंडा और एक इस्लामी पांडुलिपि बरामद की। पुलिस ने कहा, वह अकेला था और परिसर में उसके कोई दोस्त नहीं थे।
यह मामला तब आया है जब कुछ दिन पहले ही आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हरिस फारूकी की कथित तौर पर बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद धुबरी जिले में गिरफ्तारी हुई थी। 2019 से सक्रिय हरिस फारूकी को उसके साथियों के साथ बुधवार को असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार उसका सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान पानीपत का रहने वाला है और उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है। उसकी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है। सूत्रों ने बताया कि फारूकी पर बांग्लादेश में छिपे होने और भारतीयों को कट्टरपंथी बनाने का संदेह था।
रिपोर्ट के अनुसार उसने झारखंड, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, पंजाब, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मॉड्यूल स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है और उसकी राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को तलाश थी।
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