इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी आईसीएमआर ने कहा है कि कोवैक्सीन की पहली खुराक से शरीर में उतनी एंटी-बॉडी नहीं बनती है जितनी कोविशील्ड की खुराक से। कोवैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद पर्याप्त मात्रा में एंटी-बॉडी बनती है जिससे कि शरीर कोरोना वायरस से लड़ सके। आईसीएमआर प्रमुख डॉ. बलराम भार्गव ने कहा है कि कोविशील्ड की पहली खुराक लेने पर ही काफ़ी मात्रा में एंटी-बॉडी बन जाती है। डॉ. भार्गव का बयान तब आया है जब हाल ही में कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच अंतराल को 12-16 हफ़्ते तक बढ़ा दिया गया है, जबकि कोवैक्सीन की खुराकों का अंतराल यह कहते हुए नहीं बढ़ाया गया है कि यह 4 हफ़्ते में ही प्रभावी है।
पहली खुराक में कोविशील्ड ज़्यादा कारगर: आईसीएमआर
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- 22 May, 2021
आईसीएमआर ने कहा है कि कोवैक्सीन की खुराक से शरीर में उतनी एंटी-बॉडी नहीं बनती है जितनी कोविशील्ड की। कोवैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद पर्याप्त मात्रा में एंटी-बॉडी बनती है जिससे कि शरीर कोरोना वायरस से लड़ सके।

डॉ. बलराम भार्गव ने कहा, 'नए अध्ययन में पता चला है कि कोवैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद ज़्यादा एंटीबॉडी नहीं बनती, बल्कि दूसरी खुराक पर्याप्त एंटी-बॉडी बनाती है। कोविशील्ड की पहली खुराक के बाद ही इससे अच्छी संख्या में एंटी-बॉडी बन जाती है।'