इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा है कि उसे कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की जांच के लिये 5 लाख एंटीबॉडी किट्स की ज़रूरत है। निम्हांस अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर वी. रवि ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन की वजह से कई लोगों को क्वरेंटीन करना पड़ सकता है, ऐसे में इस वायरस से संक्रमित होने वाले संदिग्ध लोगों की जांच में यह एंटीबॉडी किट इसलिये मददगार हो सकती है क्योंकि यह बहुत जल्दी रिजल्ट दे देती है। डॉ. रवि ने कहा है कि इस किट से 1 से 2 घंटे में कोरोना के ज़्यादा से ज़्यादा संदिग्ध लोगों का टेस्ट किया जा सकेगा।
डॉक्टर रवि ने कहा कि यह एंटीबॉडी किट एक स्क्रीनिंग टेस्ट की तरह काम करेगी और इससे टेस्ट किया जाना भी बहुत सरल है। अभी भारत में आरटी-पीसीआर किट से टेस्ट किये जा रहे हैं और इस किट से होने वाले हर एक टेस्ट के लिये 4500 रुपये लिये जाते हैं।
रवि ने अख़बार से कहा, ‘आरटी-पीसीआर किट की काफ़ी किल्लत चल रही है और इससे होने वाला टेस्ट जटिल और महंगा है और इसमें समय भी काफी लगता है। अब हमें वही करने की ज़रूरत है, जो दक्षिण कोरिया ने किया। दक्षिण कोरिया ने विदेश से आये लोगों और उनके संपर्क में आये लोगों का इस एंटीबॉडी किट से सीरोलॉजिकल टेस्ट किया। यह किट एक से दो घंटे में ही संकेत दे देती है कि जिस व्यक्ति का टेस्ट किया गया है, वह वायरस से संक्रमित है या नहीं।’
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