जिस हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह को एक समय बड़ा झटका दिया था उसने अब अपनी फर्म को बंद करने की घोषणा कर दी है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्टों के बाद संबंधित कंपनियों में निवेशकों ने भारी बिकवाली की और अधिकारियों ने जाँच की कार्रवाई की। इसका नतीजा ये निकला कि भारत के अडानी समूह, अमेरिका के निकोला जैसी कंपनियों के अरबों रुपये सफाया हो गए। जिस हिंडनबर्ग रिसर्च ने दुनिया भर की दर्जनों कंपनियों को बड़े झटके दिए, उसने आख़िर अब एकाएक से फर्क को बंद करने की घोषणा क्यों की?