ज्ञानवापी मस्जिद का अब एएसआई सर्वे होगा। वाराणसी के कोर्ट ने इसको लेकर हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिका पर फैसला सुना दिया है। हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक सर्वे कराने के लिए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि मस्जिद के वजूखाना को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई द्वारा सर्वे होगा।
इसके साथ ही वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। इस केस में 14 जुलाई को ही सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी थी। इस दिन करीब डेढ़ घंटे तक बहस हुई थी, इसके बाद वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्णा विश्वेश ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।दोनों पक्षों को सुनने के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने अपना यह फैसला सुनाया है।
इससे पूर्व ज्ञानवापी मस्जिद मामले में पांच महिलाओं ने याचिका द्वारा दायर मंदिर परिसर के अंदर 'श्रृंगार गौरी स्थल' पर प्रार्थना करने की अनुमति मांगी थी। मस्जिद परिसर के वजूखाने में एक संरचना मिली थी, जिसको लेकर हिन्दू पक्ष का दावा है कि वह शिवलिंग है वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा होने का दावा किया था। हिन्दू पक्ष का मानना है कि मस्जिद परिसर का एएसआई द्वारा सर्वे होने से कई नए तथ्य सामने आएंगे।
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वुजूखाने को पहले ही सील किया जा चुका है
श्रृंगार गौरी की पूजा करने का अधिकार मांगने वाली चार महिलाओं लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास व रेखा पाठक ने 16 मई को जिला जज की अदालत में याचिका दाखिल की थी। उन्होने कोर्ट से मांग की थी कि मस्जिद परिसर में वुजूखाना को छोड़ शेष सभी हिस्सों का वैज्ञानिक तरीके से सर्वे कराया जाए। सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष की तरफ से अधिवक्ता विष्णुशंकर जैन ने पिछले साल वुजूखाने में हुए कोर्ट कमीशन की रिपोर्ट पेश करते हुए कहा था कि उस दौरान शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। आकृति की जांच एएसआई से कराने का मामला सुप्रीम कोर्ट में लम्बित है। वुजूखाने को सील किया जा चुका है। ऐसे में उसके आसपास के क्षेत्र का एएसआई सर्वे किया जा सकता है। उनका दावा है कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे हो तो एक और शिवलिंग मिल सकता है।
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