वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक में फ़ैसला लिया गया कि कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं देने वाली कंपनियों पर 10 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा जीएसटी एंटी-प्रॉफ़िटीयरिंग अथॉरिटी के कार्यकाल को भी 2 साल के लिए (30 नवंबर 2021 तक) बढ़ा दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। इसके अलावा 1 जनवरी 2020 से कारोबारियों को केवल एक पेज का रिटर्न फ़ॉर्म भरना होगा।
जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक के बाद राजस्व सचिव ए. बी. पांडे ने कहा कि आधार के जरिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने का फ़ैसला लिया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी नया कारोबारी अब आधार के जरिए जीएसटी में अपना रजिस्ट्रेशन कर सकेगा।राजस्व सचिव ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने सालाना रिटर्न फ़ाइल करने की समय सीमा को 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 तक कर दिया है। उन्होंने बताया कि नया जीएसटी रिटर्न फ़ाइलिंग सिस्टम 1 जनवरी 2020 से लागू होगा।
जीएसटी काउंसिल ने एक और अहम फ़ैसला लेते हुए मल्टिप्लेक्सेस में इलेक्ट्रॉनिक इनवाइसिंग सिस्टम और ई-टिकटिंग को भी मंजूरी दे दी है। बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल में सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
पांडे ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर को 12 से घटाकर 5 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक चार्जर पर 18 से घटाकर 12 प्रतिशत करने का प्रस्ताव फ़िटमेंट समिति को भेज दिया गया है। बता दें कि जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था।
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