देश भर में ज़बरदस्त विरोध-प्रदर्शन, अपने सहयोगी दलों की नाराज़गी के बीच एनडीए सरकार ने पूरे देश में एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने के अपने फ़ैसले से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नक़वी और पार्टी के महासचिव राम माधव का बयान आया है। उनका कहना है कि देशव्यापी एनआरसी को लेकर सरकार के किसी भी स्तर पर अभी तक कोई चर्चा भी नहीं हुई है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि लोग बिना जन्मे एक बच्चे की बात कर रहे हैं और इसके बार में अफ़वाहें फैला रहे हैं। इसका क्या अर्थ निकाला जाए? नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश भर में हो रहे हिंसात्मक प्रदर्शन और ज़बरदस्त दबाव के बाद क्या बीजेपी बैकफुट पर नहीं आ गई है? नागरिकता क़ानून वही है जिस पर गृह मंत्री बार-बार कहते रहे हैं कि इस क़ानून के बाद पूरे देश में एनआरसी को लाया जाएगा।
प्रदर्शन, सहयोगियों की नाराज़गी के बीच संकेत- एनआरसी से पीछे हटेगी सरकार
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- 21 Dec, 2019
सरकार ने पूरे देश में एनआरसी लागू करने के अपने फ़ैसले से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। इस मामले में बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नक़वी और राम माधव का बयान आया है।

इस मुद्दे पर देश भर में भारी ग़ुस्सा है और कई जगहों पर प्रदर्शन हिंसात्मक हो चुका है। अब तक कम से कम 18 लोग मारे जा चुके हैं। विपक्षी दलों वाली पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश सहित कई राज्य सरकारें इसे लागू करने से इनकार कर चुकी हैं। इस बीच ही बीजेपी के सहयोगी दल बिहार में जनता दल (यूनाइटेड) यानी जेडीयू नेता नीतीश कुमार और लोक जनशक्ति पार्टी एलजेपी के नेता चिराग पासवान ने भी एनआरसी का विरोध किया है।