देश भर में ज़बरदस्त विरोध-प्रदर्शन, अपने सहयोगी दलों की नाराज़गी के बीच एनडीए सरकार ने पूरे देश में एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू करने के अपने फ़ैसले से पीछे हटने के संकेत दिए हैं। इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नक़वी और पार्टी के महासचिव राम माधव का बयान आया है। उनका कहना है कि देशव्यापी एनआरसी को लेकर सरकार के किसी भी स्तर पर अभी तक कोई चर्चा भी नहीं हुई है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि लोग बिना जन्मे एक बच्चे की बात कर रहे हैं और इसके बार में अफ़वाहें फैला रहे हैं। इसका क्या अर्थ निकाला जाए? नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ देश भर में हो रहे हिंसात्मक प्रदर्शन और ज़बरदस्त दबाव के बाद क्या बीजेपी बैकफुट पर नहीं आ गई है? नागरिकता क़ानून वही है जिस पर गृह मंत्री बार-बार कहते रहे हैं कि इस क़ानून के बाद पूरे देश में एनआरसी को लाया जाएगा।