loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

पूर्णिमा दास
बीजेपी - जमशेदपुर पूर्व

जीत

तोमर : कृषि क़ानून वापस नहीं होगा, किसान सुप्रीम कोर्ट जाएँ

मोदी सरकार ने यह तय कर लिया है कि वह किसान आंदोलन के दबाव में नहीं आयेगी और किसी भी हाल में तीनों कृषि क़ानूनों को वापस नहीं लेगी। सरकार की तरफ से अब यह बात साफ शब्दों में कह दी गयी है। सोमवार को किसान और सरकार के बीच बातचीत के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि कृषि क़ानून वापस नहीं होगा और किसान सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाने के लिये आज़ाद हैं।  

हज़ारों किसान पिछले चालीस दिनों से कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे दिल्ली की सीमा से सटे इलाक़ों में डेरा डाले हुए हैं। सरकार के साथ सात दौर की बातचीत हो चुकी है। सातवें दौर में भी कोई नतीजा नहीं निकला। अब अगले राउंड की बातचीत 8 जनवरी को होगी। लेकिन तोमर के बयान से किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। जो उम्मीद थी, वह भी टूट सी गयी है। 

ख़ास ख़बरें

'कृषि क़ानून रद्द नहीं होगा'

किसान मज़दूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरवण सिंह पंधेर ने कहा, 

"नरेंद्र तोमर ने हमें साफ कह दिया कि क़ानून रद्द नहीं किए जाएंगे, उन्होंने हमें यहाँ तक कह दिया कि हम चाहें तो इन क़ानूनों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दें।"


सरवण सिंह पंधेर, अध्यक्ष, किसान मज़दूर संघर्ष समिति

इसके साथ ही पंधेर ने पंजाब के युवाओं से गणतंत्र दिवस के मौके पर बड़ा जुलूस निकालने के लिए तैयारी करने की अपील भी कर दी। 

'कृषि क़ानून रद्द करना ही होगा'

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हमारी माँग तीन कृषि क़ानूनों को रद्द करने की है, हम इससे कुछ भी कम पर किसी सूरत में तैयार नहीं होंगे।"उन्होंने कहा,

"सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है, यदि वह चाहती है कि हम आन्दोलन ख़त्म कर अपने घर लौट जाएं तो उसे इन क़ानूनों को वापस लेना ही होगा।"


राकेश टिकैत, किसान नेता

लेकिन तोमर ने कहा, "दूसरे राज्यों के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी कृषि क़ानूनों पर बात की जाएगी। हम तीनों क़ानूनों के हर बिन्दु पर बात करने और आपत्तियों पर विचार कर क़ानूनों में संशोधन करने को तैयार हैं।" 

सरकार की ज़िम्मेदारी

सोमवार को खाने-पीने के लिए जब बैठक स्थगित की गई तो नरेंद्र तोमर उद्योग मंत्री पियूष गोयल और कृषि राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ अलग से बात करते रहे, जो क़रीब दो घंटे चली। 

बैठक की शुरुआत में आन्दोलन के दौरान मारे गए किसानों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "हर 16 घंटे में एक किसान मर रहा है, सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वह इसपर जवाब दे।" 

किसान आन्दोलन 26 नंवबर से ही चल रहा है, जिसके तहत दिल्ली की सीमा पर हज़ारों किसान जमे हुए हैं। उनकी माँग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से जुड़े क़ानून, बिजली संशोधन विधेयक और पराली जलाने से जुड़े एअर क्वालिटी कमीशन ऑर्डिनेंश से जुड़े क़ानून वापस ले लिए जाएं। सरकार पराली और बिजली कानून को वापस लेने पर सहमत हो गयी है, लेकिन बाकी कानूनों पर वो टस से मस नहीं हो रही है। इन तीन कानून की वापसी और समर्थन मूल्य की गारंटी की माँग को लेकर ही किसान आंदोलन पर है। उनके मुताबिक़ पराली और बिजली के मसले तो मामूली हैं।

सरकार की ज़िद को देखते हुये किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने का फ़ैसला किया है । वो गणतंत्र दिवस पर दिल्ली कूच करने की योजना बना रहे हैं। 

government-farmer talk fails, narendra tomar asks farmers to move supreme court - Satya Hindi

'पुलिस ज़्यादती की जाँच हो'

दूसरी ओर, एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय के 35 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस. ए. बोबडे और दूसरे जजों को चिट्ठी लिख कर कहा है कि आन्दोलन कर रहे किसानों पर हो रहे कथित पुलिस ज़ुल्म की जाँच कराई जाए। 

सेंटर फ़ॉर ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज़ के इन छात्रों ने आरोप लगाया है कि शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे किसानों पर "ग़ैर-क़ानूनी ढंग से वॉटर कैनन चलाया गया, आँसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज किया गया।" 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें