लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने के सवाल पर अलग-अलग तर्क दिए जाते रहे हैं। कोई फायदे तो कोई नुक़सान को गिनाता है और कई तो इस पर भी सवाल उठाते हैं कि जब वोट देने का अधिकार 18 वर्ष में मिल जाता है तो फिर वयस्क हो जाने पर भी शादी की उम्र पर सरकारी पाबंदी क्यों?
लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल करने से फायदा या नुक़सान?
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- 16 Dec, 2021
लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाकर 21 साल कर देने से क्या लड़कियों की ज़िंदगी बदल जाएगी? इसके क्या फायदे होंगे और क्या नुक़सान?

लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने के फायदे-नुक़सान जानने से पहले यह जान लें कि सरकार का तर्क क्या है। पिछले साल मोदी सरकार ने लड़कियों की उम्र बढ़ाने की वकालत की थी। तब इस पर काफी बहस हुई थी। इसके बारे में तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020-21 को संसद में पेश करने के दौरान अपने बजट भाषण में कहा था, ‘साल 1929 के बाद शारदा अधिनियम में संशोधन करते हुए 1978 में महिलाओं के विवाह की आयु सीमा बढ़ाकर 14 से बढ़ाकर 18 साल की गई थी। जैसे- जैसे भारत आगे बढ़ रहा है, वैसे-वैसे महिलाओं के लिए शिक्षा और करियर में आगे बढ़ने के अवसर भी बन रहे हैं।'