loader

गुलाम नबी आजाद का डीएनए 'मोदी-फाइड' हो गया: कांग्रेस

गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने को लेकर जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही आजाद के समर्थकों ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे अधिक सम्मान दिया, उसने व्यक्तिगत हमले कर उन्हें धोखा दिया है और इससे उस शख़्स के असली चरित्र का पता चलता है। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद का डीएनए 'मोदी-फाइड' हो गया है।

रमेश ने कहा कि जब पार्टी 7 सितंबर से शुरू होने वाली भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी है, ऐसे वक्त में आज़ाद का पार्टी छोड़ना बेहद अफसोसनाक है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा है कि ऐसे वक्त में जब कांग्रेस राहुल गांधी और सोनिया गांधी के नेतृत्व में महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, कांग्रेस को छोड़ने का और इस लड़ाई का साथ छोड़ने का फैसला गुलाम नबी आजाद ने लिया है। 

ताज़ा ख़बरें

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि इस बारे में लंबे वक्त से अफवाह थी। उन्होंने कहा कि आजाद हाल के दिनों में कांग्रेस छोड़ने वाले सबसे वरिष्ठ नेता हैं और उनके इस्तीफे का पत्र दुख पहुंचाने वाला है।

उमर ने कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को इस तरह टूटते हुए देखना बेहद दुखद और डराने वाला है। 

बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के साथ ही पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर जोरदार हमले किए हैं और पार्टी छोड़ने के फैसले के लिए राहुल को ही जिम्मेदार ठहराया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला ने इस बारे में एएनआई से कहा कि आजाद को ऐसा लगा कि उन्हें कांग्रेस में वह सम्मान नहीं मिल रहा है जो पहले मिलता था। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद आगे क्या करेंगे, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। 

अब्दुल्ला ने कहा कि इंदिरा गांधी के वक्त में भी मोरारजी देसाई जैसे बड़े नेता ने कांग्रेस छोड़ दी थी लेकिन कांग्रेस खत्म नहीं हुई। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को यह सोचना चाहिए कि पार्टी छोड़कर गए वरिष्ठ नेताओं को कैसे वापस लाया जाए।

Ghulam Nabi Azad quits congress Omar Abdullah reacts - Satya Hindi
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गुलाम नबी आजाद और तमाम वरिष्ठ नेता संजय गांधी के दौर के हैं। उस वक्त संजय गांधी पर कई आरोप लगे थे लेकिन तब युवक कांग्रेस से राजनीति शुरू करने वाले कई नेता कांग्रेस में बड़े पदों पर पहुंचे। अब राहुल गांधी अपने तरीके से कांग्रेस को तैयार कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस एक वंशवादी पार्टी है, वर्तमान में वह वेंटिलेटर पर है और उसके नेताओं का अहंकार एक्सीलेटर पर है और इसी का नतीजा है कि पार्टी के तमाम भरोसेमंद नेता एक-एक करके पार्टी छोड़ रहे हैं।

आजाद को अपमानित किया 

आजाद के पार्टी छोड़ने के बाद जम्मू-कश्मीर में उनके समर्थकों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आजाद बेहद वरिष्ठ नेता हैं और उन्होंने 50 साल तक कांग्रेस पार्टी में काम किया और बड़े-बड़े पदों पर वह रहे। आजाद के समर्थकों का कहना है कि कांग्रेस में गुलाम नबी आजाद को इज्जत नहीं मिल रही थी और उन्हें अपमानित किया जा रहा था।

गुलाम नबी आजाद के इस कदम से यह माना जा सकता है कि कांग्रेस के लिए जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ पाना आसान नहीं होगा। क्योंकि आजाद जम्मू-कश्मीर में पार्टी के सबसे बड़े चेहरे रहे हैं।

देश से और खबरें

जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि कांग्रेस में गांधी-नेहरू परिवार से आने वालों की इज्जत होती है और बाकी लोगों को प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस को खड़ा करने में अपना खून-पसीना लगाया और उन्हें ही त्यागपत्र देने के लिए मजबूर कर दिया गया।

जम्मू-कश्मीर में कुछ महीनों के अंदर विधानसभा के चुनाव होने हैं और माना जा रहा है कि आजाद अपनी पार्टी बना सकते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव और 7 सितंबर से शुरू होने जा रही भारत जोड़ो यात्रा से ठीक पहले गुलाम नबी आजाद का कांग्रेस छोड़ने का फैसला पार्टी के लिए बड़े झटके की तरह है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें