गांधी परिवार के खिलाफ केंद्र सरकार का गुस्सा धीरे-धीरे सामने आ रहा है। एनडीटीवी की रविवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र की मोदी सरकार ने राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी), गांधी परिवार से जुड़े एनजीओ के विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस को रद्द कर दिया है। अधिकारियों ने कहा कि कथित अनियमितताओं पर इसे रद्द किया गया है। दरअसल, इसी लाइसेंस के तहत ही किसी संस्था को विदेश से चंदा या डोनेशन मिलता है।
सूत्रों ने कहा कि आरजीएफ और आरजीसीटी में कथित अनियमितताओं की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंपे जाने की संभावना है।
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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आरजीएफ की प्रमुख हैं, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम इसके सदस्यों में हैं। सोनिया गांधी आरजीसीटी के प्रमुख भी हैं। राहुल गांधी और पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ अशोक एस गांगुली इसके सदस्यों में हैं।
एनडीटीवी के मुताबिक गांधी परिवार द्वारा संचालित एनजीओ में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2020 में गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा की गई जांच के बाद यह कार्रवाई हुई।
1991 में स्थापित, RGF ने 1991 से 2009 तक स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, महिलाओं और बच्चों, विकलांगता सहायता आदि सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम किया। इसकी वेबसाइट के अनुसार, इसने शिक्षा क्षेत्र में भी काम किया।
केंद्र सरकार गांधी परिवार को लगातार केंद्रीय जांच एजेंसियों के घेरे में लेने की कोशिश कर रही है। पिछले दिनों ईडी ने राहुल गांधी और बुजुर्ग सोनिया गांधी से कई घंटे तक पूछताछ की थी। यह पूछताछ नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े एक कथित घोटाले से जुड़ी थी। इस पूछताछ के बाद ईडी कोई बयान जारी नहीं कर पाया और न ही कोई ठोस जानकारी उस घोटाले के बारे में दे सका।
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ताजा घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का राहुल गांधी नेतृत्व कर रहे हैं और बीजेपी-आरएसएस पर लगातार हमले कर रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार और संघ राहुल गांधी की इस यात्रा से बौखला गए हैं। उन्हें अपार जनसैलाब बेचैन कर रहा है।
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